
बिहार में चुनाव से पहले लगातार सर्वे सामने आ आ रहे हैं. एक ताजा सर्वे ने NDA के लिए प्रचंड जीत की भविष्यवाणी की गई है. इस ओपिनिय पोल के नतीजों ने सियासी हलचल बढ़ा दी है. ताजा सर्वे में एनडीए की सरकार बनने का अनुमान लगाया गया है.SPICK मीडिया नेटवर्क के ताजा सर्वे के मुताबिक बिहार में एनडीए को इस बार साफ बहुमत मिलने का अनुमान है. सर्वे बताता है कि एनडीए को करीब 158 सीटें और 46% वोट शेयर मिल सकते हैं. वहीं, महागठबंधन यानी ग्रैंड अलायंस को 66 सीटें और 41% वोट मिलने का अनुमान है.इससे [पहले भी जो सर्वे सामने आये हैं उनमे भी NDA को बढ़त दिखाया गया है.तमाम सर्वे में NDA 140 से ज्यादा सीटें जीतता नजर आ रहा है.महागठबंधन में सबसे खराब हालत कांग्रेस पार्टी का दिखाया जा रहा है.
दरअसल, राहुल गांधी ने जिस वोट चोरी के आरोप को लेकर यात्रा की वह लोगों के गले नहीं उतर रहा.लोगों को लगता है कि कांग्रेस पार्टी पहले ही अपनी हार मान चुकी है, इसलिए वोट चोरी का नैरेटिव सेट करने में जुटी है.सबसे ज्यादा नुकशान यात्रा के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की सभाओं में पीएम मोदी की माता को गाली देने से हुआ है.लोगों को लगने लगा है कि महागठबंधन की सरकार आयेगी तो फिर से पहलेवाला जंगल राज आ जाएगा.
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को करीब 8% वोट मिलने की संभावना जताई गई है. लेकिन सीटों के मामले में उन्हें कोई सफलता मिलती नहीं दिख रही. इसके अलावा, बीएसपी को 1 सीट और एआईएमआईएम को 4 सीटें मिलने का अनुमान है.सर्वे के अनुसार NDA को 158 सीट के साथ 46% वोट शेयर मिल रहा है.महागठबंधन महज 66 सीटों पर सिमट जाएगा.ये दीगर बात है कि वोट शेयर में महज 5 फीसदी का अंतर है.महागठबंधन को 41% सीटें मिल रही हैं लेकिन सीटें NDA से आधी मिल रही हैं.
AIMIM को 4 और BSP 1और जन सुराज को अधिकतम 8 सीटें मिल सकती हैं.विधानसभा की कुल 243 सीटों में से सरकार बनाने के लिए कम से कम 122 सीटों की जरूरत होती है.लेकिन NDA को इससे बहुत ज्यादा सीटें मिल रही हैं.ये बड़ा उलटफेर इसलिए हुआ है क्योंकि मोदी का जादू अभी भी बरकरार है और नीतीश कुमार के खिलाफ आक्रोश नहीं बल्कि सहानुभूति है.केंद्र और bihar सरकार ने दनादन घोषणाएं कर जनता की नाराजगी को खत्म कर दिया है.
सर्वे में जब लोगों से पूछा गया कि वे किसे मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं, तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए.
तेजस्वी यादव को सबसे ज्यादा 30.5% लोगों ने पसंद किया.नीतीश कुमार को 27.4% लोगों ने समर्थन दिया.प्रशांत किशोर को 13%
चिराग पासवान को 12% लोगों ने सीएम के तौर पर चुना.यह साफ दिखाता है कि सीटों के मामले में भले एनडीए आगे हो. लेकिन मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर जनता अब भी बंटी हुई है.बिहार का चुनाव हमेशा जातीय समीकरणों, विकास के मुद्दों और गठबंधनों के गणित पर टिका होता है. इस बार भी हालात कुछ अलग नहीं हैं. एनडीए को बहुमत मिलने का अनुमान है. लेकिन महागठबंधन के समर्थक इसे सर्वे की ‘पॉलिटिकल मैनेजमेंट’. बता रहे हैं. वहीं प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी पहली बार चुनावी मैदान में पूरी ताकत से उतर रही है और उनका असर वोट शेयर पर दिख सकता