
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए नामांकन प्रक्रिया शुक्रवार को समाप्त हो गई। नामांकन के अंतिम दिन मुजफ्फरपुर जिले की विभिन्न विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों और उनके समर्थकों का भारी जमावड़ा देखने को मिला, जिससे सड़कों पर खासी गहमागहमी रही।
अंतिम दिन तक हुए नामांकन के आंकड़ों के अनुसार, कुढ़नी और मुजफ्फरपुर विधानसभा क्षेत्रों में सबसे अधिक पर्चे भरे गए हैं। दोनों ही सीटों से 25-25 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है। इसके विपरीत, औराई विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम, मात्र 9 प्रत्याशियों ने ही नामांकन का पर्चा भरा। सकरा एकमात्र ऐसी विधानसभा सीट रही, जहां किसी भी प्रत्याशी ने एक से अधिक सेट में नामांकन दाखिल नहीं किया। अन्य सभी विधानसभा क्षेत्रों में कई प्रत्याशियों ने दो से लेकर चार सेट तक में नामांकन किया, जिसमें कुछ प्रत्याशी ऐसे भी थे जिन्होंने पहले नामांकन करने के बावजूद शुक्रवार को आकर दूसरे और तीसरे सेट में भी पर्चे भरे।
नामांकन पत्रों की जांच (स्क्रूटनी) शनिवार को की जाएगी, जिसके बाद सही संख्या और वैध प्रत्याशियों का पता चलेगा। स्क्रूटनी के बाद भी, प्रत्याशियों को 20 अक्टूबर तक अपने नाम वापस लेने का अवसर मिलेगा, जिसके बाद चुनावी मैदान में अंतिम रूप से उम्मीदवारों की संख्या स्पष्ट हो पाएगी।
नामांकन केंद्र पर उमड़ी भीड़, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
नामांकन के अंतिम दिन शुक्रवार को मुजफ्फरपुर समाहरणालय और उसके आसपास सुबह 10 बजे से ही प्रत्याशियों और समर्थकों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी। इस भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गई थी।
करीब 11 बजे से उम्मीदवारों का आगमन शुरू हो गया। जिस-जिस मार्ग से प्रत्याशी और उनके समर्थक समाहरणालय पहुंच रहे थे, उन रास्तों पर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के झंडे लहराते दिखे और नारों की गूंज सुनाई देने लगी। प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की वजह से शहर की सड़कें पूरी तरह से पट गईं। कंपनीबाग रोड में इतनी अधिक भीड़ जमा हो गई थी कि पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा था। मुजफ्फरपुर क्लब में बड़े नेताओं की जनसभा होने के कारण भीड़ और भी बढ़ गई।
नामांकन के लिए समाहरणालय के अंदर प्रत्याशी के साथ केवल चार लोगों को ही प्रवेश की अनुमति थी। इसके बावजूद, बड़ी संख्या में समर्थक गेट पर खड़े होकर नारे लगा रहे थे, जिससे पूरा गेट जाम हो गया।
इस दौरान कई बार विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई, लेकिन अर्द्धसैनिक बलों ने मोर्चा संभाला और बल प्रयोग कर भीड़ को गेट से हटाया और खाली कराया। समर्थकों को वहां से दूर खड़े होने की चेतावनी भी दी गई, लेकिन प्रत्याशी के नामांकन कर बाहर निकलने तक समर्थक डटे रहे।
भीड़ प्रबंधन के बावजूद, धीरे-धीरे दूसरे रास्तों से भी प्रत्याशियों के समर्थक समाहरणालय परिसर में प्रवेश कर गए, जिससे अंदर भी काफी भीड़ जमा हो गई। सुरक्षाबलों की चेतावनी पर वे कुछ देर के लिए इधर-उधर हो जाते थे, लेकिन उनके जाते ही दोबारा परिसर में भीड़ लगा देते थे। यह नजारा देर शाम तक चलता रहा, जिससे सुरक्षाकर्मियों को लगातार मोर्चा संभालना पड़ा। कुल मिलाकर, नामांकन का अंतिम दिन चुनावी सरगर्मी और गहमागहमी से भरा रहा।