
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक गतिविधियां अब चरम पर पहुंच चुकी हैं। चुनाव आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, इस बार राज्य में चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होना है, जबकि नामांकन की अंतिम तारीख 17 अक्टूबर निर्धारित की गई है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी अपने प्रचार अभियान को धार देने के लिए कमर कस ली है।
भाजपा ने चुनाव प्रचार के लिए अपने कई केंद्रीय और राज्य स्तरीय नेताओं को बिहार भेजने का शेड्यूल तय कर लिया है। इसके तहत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 16 अक्टूबर को बिहार दौरे पर आएंगे। वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा की नेता रेखा गुप्ता 15 अक्टूबर को राज्य में चुनाव प्रचार में हिस्सा लेंगी।
इसके अलावा 17 अक्टूबर को नामांकन की अंतिम तिथि से पहले भाजपा ने बड़े नेताओं की भारी मौजूदगी सुनिश्चित की है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और लोकसभा सांसद रवि किशन सहित कई नेता राज्य में रहेंगे। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी इस दिन बिहार में प्रचार करेंगे।
16 अक्टूबर को विष्णु देव साय, मनसुख मांडविया, अर्जुन राम मेघवाल, पवन कल्याण, मनोज तिवारी और गजेन्द्र सिंह शेखावत जैसे प्रमुख चेहरे प्रचार में हिस्सा लेंगे। खास बात यह है कि मनोज तिवारी और दिया कुमारी 16 और 17 अक्टूबर दोनों दिन बिहार में प्रचार करेंगे। इसके अलावा नायब सिंह सैनी 18 अक्टूबर को राज्य में प्रचार करेंगे।
भाजपा की इस रणनीति को ‘कारपेट बमिंग’ कहा जा रहा है, जहां सीमित समय में ज्यादा से ज्यादा जिलों में प्रभाव जमाने की कोशिश की जा रही है। यह रणनीति पार्टी के उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने का काम करेगी।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बार का बिहार चुनाव काफी जोशीला और मुकाबले वाला होगा, क्योंकि भाजपा अपने स्टार प्रचारकों की फौज के साथ मैदान में उतर चुकी है। वहीं विकास, रोजगार और सुरक्षा जैसे ज्वलंत मुद्दे भी चुनावी विमर्श में छाए रहेंगे। चुनाव आयोग ने भी शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं।
