
चुनाव आयोग द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को दो चरणों में कराने की घोषणा के बावजूद, राज्य के प्रमुख राजनीतिक गठबंधनों, विशेषकर NDA और महागठबंधन में, सीटों के बँटवारे को लेकर खींचतान जारी है। NDA में जहाँ जदयू और भाजपा ने लगभग अपना नंबर गेम सेट कर लिया है, वहीं सहयोगी दल चिराग पासवान और जीतनराम मांझी अधिक सीटों की मांग पर अड़े हुए हैं।
NDA में JDU-BJP का फॉर्मूला लगभग तय
सूत्रों के हवाले से खबर है कि NDA में जनता दल यूनाइटेड (JDU) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सीटों के बँटवारे को लेकर आपसी सहमति बना ली है। जदयू को 105 सीटें मिल सकती हैं। जदयू की पुरानी मांग थी कि उसे पहले की तरह भाजपा से कम से कम एक सीट अधिक मिलनी चाहिए, और 105 सीटों का यह आँकड़ा इसी दिशा में इशारा कर रहा है।
मंगलवार को जदयू कोर टीम के सदस्यों—कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा और जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी—ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ इस विषय पर गहन चर्चा की। आधिकारिक घोषणा चिराग पासवान के साथ सहमति बनने के बाद होने की संभावना है।
चिराग पासवान 30 सीटों पर अड़े, मिला 25 का ऑफर
केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रा) के अध्यक्ष चिराग पासवान विधानसभा सीटों की संख्या को लेकर अड़े हुए हैं। उन्हें पहले 18-20 सीटें दी जा रही थीं, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 25 हो गई है। चिराग पासवान की मुख्य मांग है कि उन्हें लोकसभा की एक जीती हुई सीट के बदले विधानसभा की छह सीटों का फॉर्मूला मिलना चाहिए। उनके पास पाँच सांसद होने के कारण, वह कम से कम 30 सीटों की मांग कर रहे हैं।
इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने चिराग पासवान से नई दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की, जहाँ बिहार चुनाव को लेकर चर्चा की गई। हालांकि, बातचीत का ब्योरा अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
चिराग पासवान ने अपनी पार्टी के बिहार चुनाव की पूरी कमान अपने बहनोई और जमुई से सांसद अरुण भारती को सौंप दी है, जबकि प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी को सह चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है।
हम और रालोमो की भी अपनी मांगें
NDA के अन्य घटक दलों से भी बातचीत चल रही है। जीतनराम मांझी की अगुवाई वाला हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) अपनी पार्टी को राज्य स्तरीय दल का दर्जा दिलाने के उद्देश्य से 16-18 सीटों की मांग कर रहा है। वहीं, राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) से भी सीटों को लेकर बातचीत जारी है।
महागठबंधन में VIP और वाम दलों ने फँसाया पेंच
विपक्षी खेमे महागठबंधन में भी सीटों का बँटवारा विकासशील इंसान पार्टी (VIP) और वाम दलों की बढ़ती मांगों के कारण अटक गया है।
कांग्रेस: पिछले चुनाव में सबसे बड़ी हिस्सेदार रही कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ी थी, लेकिन अब वह 50-55 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए सहमत हो गई है।
VIP: मुकेश सहनी की VIP 30 से कम सीटों पर राजी नहीं हो रही है।
वाम दल: VIP की बढ़ती मांग के कारण वाम दलों ने भी दबाव बढ़ा दिया है। भाकपा माले ने पहले 34 सीटों की मांग की थी, लेकिन अब वह कम से कम 30 सीटों पर अड़ी हुई है। माले का तर्क है कि जिस पार्टी के पास विधायक और सांसद नहीं हैं (VIP) उसे अगर 20 सीटें दी जा सकती हैं, तो 12 विधायक और 2 सांसदों वाली पार्टी (माले) कम सीटों पर कैसे मान जाएगी। भाकपा और माकपा ने भी अधिक सीटों की मांग की है।
इस तरह, दोनों प्रमुख गठबंधनों में सीट शेयरिंग का अंतिम फैसला आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति का रुख तय करेगा।