
बॉलीवुड एक्ट्रेस पूनम पांडेय अब रामलीला में दिखाई नहीं देगी। वहीं, हिंदू संगठनों के विरोध के बाद यह फैसला लिया गया। वहीं, बीजेपी-वीएचपी ने इस फैसले का वेलकम किया।

मॉडल और एक्ट्रेस पूनम पांडेय दिल्ली की मशहूर लव-कुश रामलीला में नहीं दिखाई देगी। साधु-संतों और विश्व हिंदू परिषद के विरोध बाद यह फैसला लिया गया। वहीं, पूनम मंदोदरी की भूमिका में नजर आने वाली थी। कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने इस फैसले पर जानकारी देते हुए बताया कि पूनम पांडेय अपने रोल को लेकर बहुत उत्साहित थीं। उन्होंने भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत भी रखा था, लेकिन हमें उन्हें रामलीला से हटाना पड़ा, यह दुख की बात है। आगे कहा कि भगवान राम हमेशा दुनिया को एकता और शांति का संदेश देते थे। अगर रामलीला में किसी कलाकार को लेकर लोग बंटने लगेंगे तो रामलीला का असली उद्देश्य और भगवान के जीवन से मिलने वाली सीख खत्म हो जाएगी। हम नहीं चाहते कि रामलीला के नाम पर समाज में बंटवारा हो। इसलिए पूनम पांडेय से अलग होना ही बेहतर है। फिर भी मैं मानता हूं कि हर किसी को बदलने का मौका मिलना चाहिए। बीजेपी और विहिप ने समिति के इस फैसले को स्वागत किया है।

गौरतलब है कि लव-कुश रामलीला में अभिनेत्री पूनम पांडेय का नाम घोषित होते ही विवाद उत्पन्न हो गया था। वहीं, कमेटी के फैसले को लेकर बीजेपी और VHP ने कड़ा विरोध किया था। दरअसल, दिल्ली बीजेपी मीडिया सेल के प्रमुख और लव-कुश रामलीला कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रवीण शंकर कपूर ने आयोजकों को पत्र लिखकर कहा था कि पूनम पांडेय को हटाकर किसी और कलाकार को मौका दिया जाए। हालांकि, एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर लवकुश रामलीला कमेटी की ओर से उन्हें मंदोदरी की भूमिका निभाने के लिए आमंत्रित किए जाने पर धन्यवाद दिया था।