
शुक्रवार को जदयू कार्यालय के सामने लाइब्रेरियन एसोसिएशन के अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। लंबे समय से लाइब्रेरी में भर्ती नहीं हुई है,जिसको लेकर छात्र काफी नाराज है। उम्मीदवारों ने हाल ही में सीएम से सवाल भी किया है।
दरअसल, लंबे समय से लंबित लाइब्रेरियन बहाली को लेकर अभ्यर्थी काफी नाराज है। लाइब्रेरियन बहाली की मांग को लेकर छात्र जदयू कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही में बख्तियारपुर में सीएम नीतीश कुमार से लाइब्रेरियन उम्मीदवार ने सवाल भी किया था। साथ ही अभ्यर्थियों ने लाइब्रेरियन की वैकेंसी को लेकर मुख्यमंत्री से सवाल पूछा। हालांकि, मौके पर मौजूद अधिकारियों ने अभ्यर्थियों से लिखित आवेदन देने को कहा और जल्द बहाली का आश्वासन भी दिया। वहीं, इससे पिछले महीने 25 अगस्त को भी अभ्यर्थियों ने पटना की सड़कों पर उतरकर बहाली की मांग की थी। लेकिन अब तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई है। इसको लेकर ऑल बिहार ट्रेंड लाइब्रेरियन एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विकास चंद्र सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा- ‘शिक्षा विभाग ने 6500 पदों पर बहाली के लिए नियमावली तो बना दी, लेकिन अब तक पात्रता परीक्षा की तिथि जारी नहीं की गई है। विभाग की टालमटोल नीति के कारण अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है’।
गौरतलब है कि बिहार में लाइब्रेरियन के लगभग 10 हजार पद वैकेंट हैं। इनमें प्लस टू स्कूलों से लेकर कॉलेज और विश्वविद्यालयों के पद शामिल हैं। साल 2008 में ही लाइब्रेरी में आखिरी बहाली हुई थी। उसके बाद अब तक यानी 17 सालों से इन पदों पर कोई नियुक्ति नहीं की गई। ऐसे में लंबे इंतजार के कारण कई अभ्यर्थियों की एज खत्म हो चुकी है।