आजकल के समय में लोगों को जहां देखो वहीं रील्स बनाना शुरू कर देते हैं। सोशल मीडिया पर शोक के साथ एक ट्रेंड बनता जा रहा है। आज हम आपको बताएंगे कि देश में पब्लिक प्लेस पर रील या वीडियो बनाने को लेकर क्या नियम-कानून हैं? और बिना परमिशन की शूटिंग करने पर क्या सजा का प्रावधान है?
सर्वोच्च न्यायालय के एडवोकेट का कहना है कि पब्लिक प्लेस पर रील या वीडियो बनाना अवैध नहीं है, लेकिन वैध भी तभी माना जाएगा, जब आप स्थानीय प्रशासन, संबंधित विभाग या संपत्ति के मालिक की अनुमति लेकर शूटिंग करें। इसके साथ ही किसी की प्राइवेसी, सुरक्षा या किसी कानून का उल्लंघन न हो। अगर आप बिना अनुमति की शूटिंग करते हैं तो वह अपराध माना जाएगा। अगर आप रील्स के शौकीन है तो आपको ये कानूनी धाराएं जरूर जानना चाहिए।
आईटी एक्ट धारा 66ई- बिना परमिशन का फोटो या वीडियो लेना प्राइवेसी का उल्लंघन है।
बीएनएस धारा 353- वीडियो, रील बनाकर सरकारी काम में बाधा डालना या भीड़ इकठ्ठा करना।
आईटी एक्ट धारा 67- अश्लील या आपत्तिजनक कटेंट पब्लिश करना।
रेलवे एक्ट, 1989 की धारा 147 कहता है कि रेलवे संपत्ति में अनऑथराइज्ड प्रवेश या शूटिंग करना।
हालांकि, अगर आप इन स्थानों पर बिना अनुमति के रील शूटिंग करते हैं तो वह कानूनी उल्लघंन माना जाएगा। जिसमें ऐतिहासिक और पुरातत्व स्थल(एएसआइ दवारा संरक्षित किले, गुफाएं, महल या स्मारक),रेलवे संपत्ति, सरकारी व प्रशासनिक कार्यालय, परिवहन केंद्र(बस स्टैंड, मेट्रो स्टेशन) और एविएशन और रक्षा केंद्र। इसके अलावा कुछ धार्मिक स्थल भी शामिल है।
गौरतलब है कि रेलवे स्टेशन और ट्रेन में वीडियो बनाते समय यह ध्यान रखना है कि अन्य यात्रियों की अनुमति के बिना उनका चेहरा या निजी जानकारी रिकॉर्ड न करें। सहमति के बिना वीडियो बनाना निजता का उल्लंघन माना जाता है और इसके लिए कानूनी कार्रवाई हो सकती है। वहीं, रेलवे स्टेशन पर शूटिंग के लिए शुल्क जोन, सुरक्षा जरूरत और शूटिंग के मुताबिक 10,000 रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक हो सकता है।