
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, कांग्रेस ने अपनी चुनावी तैयारियों को गति देना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में, गुरुवार को राजधानी पटना स्थित सदाकत आश्रम में बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्य चुनाव समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी चुनाव के लिए रणनीति बनाना और संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा करना था। यह बैठक राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के बाद काफी अहम मानी जा रही है।
कांग्रेस की बैठक में पप्पू यादव की मौजूदगी ने चौंकाया
इस बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की उपस्थिति रही। लंबे समय से कांग्रेस से जुड़ाव रखने के बावजूद, पप्पू यादव ने अक्सर पार्टी में अपनी उपेक्षा की शिकायत की थी। लेकिन इस बार उन्हें वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठाकर महत्वपूर्ण भूमिका दी गई, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि कांग्रेस उन्हें राज्य की चुनावी रणनीति में एक बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी में है।
बैठक में कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल थे, जिनमें बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह, बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा प्रमुख थे। कुल 39 सदस्यीय राज्य चुनाव समिति ने उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया और चुनावी रोडमैप पर विस्तार से चर्चा की।
पप्पू यादव को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
पप्पू यादव की सक्रिय मौजूदगी और कांग्रेस मंच पर उनकी स्वीकार्यता यह दर्शाती है कि पार्टी आगामी चुनावों में उन्हें संगठनात्मक भूमिका दे सकती है। बैठक के बाद, कांग्रेस अब 19 सितंबर को दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में पहले चरण के उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दे सकती है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस आलाकमान ने राज्य के नेताओं को निर्देश दिया है कि उम्मीदवारों का चयन उनकी लोकप्रियता, सामाजिक समीकरण और जीतने की संभावना को प्राथमिकता देकर किया जाए।
पटना में CWC की ऐतिहासिक बैठक
इस बीच, कांग्रेस के लिए एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम होने जा रहा है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक पहली बार बिहार में, यानी पटना में 24 सितंबर को आयोजित की जाएगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और अन्य शीर्ष नेता शामिल होंगे। इस बैठक में ‘वोट चोरी’, मतदाता सूची में गड़बड़ी और विशेष पुनरीक्षण अभियान जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है।
इन गतिविधियों से साफ है कि कांग्रेस बिहार में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। पप्पू यादव को साथ लेकर, पार्टी अपनी सामाजिक और राजनीतिक पहुंच को बढ़ाना चाहती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां उनकी मजबूत पकड़ है।