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बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का पटना विश्वविद्यालय में औचक दौरा, अधिकारियों में मचा हड़कंप

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बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का पटना विश्वविद्यालय में औचक दौरा, अधिकारियों में मचा हड़कंप

बिहार के राज्यपाल और कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान के शनिवार को अचानक पटना विश्वविद्यालय पहुंचने से विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया। बिना किसी पूर्व सूचना के राज्यपाल के आगमन से अधिकारी और कर्मचारी हैरान रह गए। यह पहला मौका था जब किसी राज्यपाल ने इस तरह से विश्वविद्यालय का दौरा किया हो।

दोपहर करीब 2 बजे, राज्यपाल का काफिला सीधे विश्वविद्यालय मुख्यालय पहुंचा, जिससे वहां मौजूद सभी लोग चौंक गए। उस समय कुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह को छोड़कर बाकी सभी अधिकारी अपने-अपने कक्ष में मौजूद थे। राज्यपाल सीधे कुलपति के कक्ष में गए, जहां कुलसचिव प्रो. शालिनी, डीन प्रो. अनिल कुमार और प्रॉक्टर मनोज कुमार ने उनका स्वागत किया।

कुलपति के कक्ष में न होने पर कुलसचिव ने उन्हें बताया कि कुलपति दीघा घाट पर एक अंत्येष्टि में गए हैं और 15 मिनट में वापस आ जाएंगे। राज्यपाल ने कुलपति का इंतजार करने की बात कही, और ठीक 15 मिनट बाद कुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह पहुंचे। कुलपति ने राज्यपाल का स्वागत किया, जिसके बाद दोनों ने विश्वविद्यालय के हालचाल पर चर्चा की।

राज्यपाल के आने की खबर पूरे विश्वविद्यालय में आग की तरह फैल गई, और कुलपति के कक्ष से लेकर परिसर तक छात्रों की भीड़ लग गई। छात्र यह जानने के लिए उत्सुक थे कि राज्यपाल का अगला कदम क्या होगा। आधे घंटे तक कुलपति के कक्ष में रहने के बाद, राज्यपाल नीचे उतरे।

सीढ़ियों पर उतरते समय कुछ छात्रों ने राज्यपाल से मुलाकात की और उनसे अपनी समस्याएं बताईं। छात्रों ने शिकायत की कि हॉस्टल, कॉलेज और विभागों में अव्यवस्था है और उनकी समस्याओं को सुना नहीं जाता। इस पर राज्यपाल ने छात्रों को धैर्यपूर्वक सुना और उन्हें पांच छात्रों का एक समूह बनाकर अपनी समस्याओं के साथ राजभवन आने को कहा। उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।

कुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह ने बाद में पत्रकारों को बताया कि राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में चल रहे बेहतर कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने शैक्षणिक सत्र को पटरी पर लाने और अन्य विकास कार्यों पर भी चर्चा की। कुलपति ने राज्यपाल से विश्वविद्यालय में प्रतिकुलपति की नियुक्ति का आग्रह भी किया, क्योंकि उनके न होने से कई कार्यों में बाधा आ रही है। कुलपति ने राज्यपाल को विश्वास दिलाया कि उनके मार्गदर्शन में छात्र और विश्वविद्यालय हित में कार्य हो रहे हैं।

यह औचक दौरा विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए एक वेक-अप कॉल माना जा रहा है। राज्यपाल का यह कदम शैक्षणिक संस्थानों में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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