
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने एक बड़ा राजनीतिक दांव खेला है। पार्टी के शीर्ष नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 24 सितंबर को पटना में पार्टी की कार्य समिति (CWC) की बैठक में शामिल होंगे। यह 1940 के बाद पहली बार है जब कांग्रेस अपनी CWC की बैठक पटना में कर रही है। कांग्रेस इसे भाजपा के खिलाफ ‘आजादी की दूसरी लड़ाई’ बता रही है।
सोमवार को AICC बिहार के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस बिहार में ‘आजादी की दूसरी लड़ाई’ लड़ रही है, यही वजह है कि CWC की बैठक इस राज्य में तय की गई है। अल्लावरू ने बताया कि बैठक में खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के अलावा, सभी CWC सदस्य और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।
अल्लावरू ने आरोप लगाया कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ‘वोट चोरी’ में लिप्त है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘एक ऐसे छात्र की तरह हैं जो कड़ी मेहनत नहीं करता, बल्कि परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अनुचित साधनों का सहारा लेता है।’ उन्होंने कहा कि गांधी की 1,300 किलोमीटर से अधिक की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के बाद बिहार ‘राष्ट्रीय राजनीति का केंद्र’ बन गया है।
सीट बंटवारे के सवाल पर, अल्लावरू ने कहा कि INDIA ब्लॉक में बातचीत सकारात्मक तरीके से चल रही है और जल्द ही एक ‘व्यवहारिक फॉर्मूला’ सामने आएगा। उन्होंने दावा किया कि दूसरी ओर, भाजपा के नेतृत्व वाला NDA ‘बिखरा हुआ’ है। वहीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या राजद नेता तेजस्वी यादव को INDIA ब्लॉक के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाएगा, तो अल्लावरू ने कहा, ‘उचित समय पर, सभी सहयोगी दल एक साथ बैठेंगे और फैसला करेंगे।’