
आरजेडी से निष्कासित होने के बाद तेज प्रताप यादव ने अपनी अलग राह चुन ली है. अब उनके गठबंधन की ओर से तेज प्रताप यादव को सीएम पद का उम्मीदवार बता दिया गया है.उन्हें तेजस्वी यादव से अधिक काबिल पढ़े-लिखे होने का दावा किया जा रहा है. तेजप्रताप केगठबंधन ने बिहार की सियासत में सरगर्मी ला दी है. उनके गठबंधन का दावा है कि बिहार में सरकार बनाने के लिए उनकी सहमति जरूरी होगी. जानकार कहते हैं कि अगर यह स्थिति आई तो महागठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है, क्योंकि तेजस्वी और तेज प्रताप के बीच सियासी जंग परिवार और पार्टी दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकती है.
वीवीआईपी पार्टी के सुप्रीमो प्रदीप निषाद ने कहा है कि तेज प्रताप यादव में मुख्यमंत्री बनने की पूरी काबिलियत है. उन्होंने तेजस्वी यादव की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाते हुए कहा, तेजस्वी नौवीं पास हैं, जबकि तेज प्रताप पढ़े-लिखे हैं. बिहार को पढ़ा-लिखा सीएम चाहिए. वीवीआईपी प्रमुख का यह बयान महागठबंधन और आरजेडी के लिए नई सियासी चुनौती बन गया है. तेज प्रताप के नेतृत्व में पांच पार्टियों का गठबंधन बना है और इस गठबंधन ने बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. तेज प्रताप ने 16 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है, जबकि बाकी सीटों पर गठबंधन के सहयोगी दलों के प्रत्याशी मैदान में होंगे. प्रदीप निषाद ने दावा किया कि उनके गठबंधन के समर्थन के बिना किसी की सरकार नहीं बनेगी औरतेज प्रताप को सीएम बनाने की मांग उनके गठबंधन की प्राथमिकता है.
प्रदीप निषाद ने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के नेता मुकेश सहनी को ‘बहरूपिया और बिजनेसमैन’ करार देते हुए कहा कि वह निषाद समाज को बरगलाने का काम कर रहे हैं. प्रदीप निषाद ने दावा किया कि उनका गठबंधन ऐसी सीटों पर भी उम्मीदवार उतारेगा, जहां सहनी की पार्टी मैदान में होगी, ताकि उन्हें हराया जा सके. उन्होंने कहा, महागठबंधन में सहनी को 11-12 सीटें मिलेंगी, लेकिन वह एक भी नहीं जीत पाएंगे.
टीम तेज प्रताप के बैनर के साथ तेज प्रताप यादव ने हाल ही में पांच पार्टियों के साथ गठबंधन का ऐलान किया है, जिनमें विकास वंचित इंसान पार्टी (VVIP) भी शामिल है और इसके अध्यक्ष प्रदीप निषाद हैं. प्रदीप निषाद पहले मुकेश सहनी की VIP पार्टी में थे और अब अपनी अलग पार्टी बना ली है. इसके अलावा भोजपुर निवासी भरत सिंह की पार्टी भोजपुरिया जन मोर्चा (BJM) है जो स्थानीय मुद्दों पर राजनीति करती है. वहीं, प्रगतिशील जनता पार्टी (PJP) भी इस गठबंधन में है जिनके प्रमुख मनोरंजन श्रीवास्तव हैं , जो पहले बीजेपी में रह चुके हैं. इसके अतिरिक्त लोकसभा चुनाव लड़ चुके विद्यानंद राम की वाजिब अधिकार पार्टी (WAP) और किसानों के मुद्दों पर केंद्रित संयुक्त किसान विकास पार्टी (SKVP) तेज प्रताप के साथ मैदान में उतरने को तैयार है. इसमें शामिल नेताओं का कहना है कियह गठबंधन सामाजिक न्याय, सामाजिक हक और संपूर्ण बदलाव के लिए काम करेगा.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में तेज प्रताप यादव ने भाई तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अगर यही बिहार में यह सियासी सीन आगे बढ़ा तो तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच यह टकराव न केवल आरजेडी, बल्कि पूरे महागठबंधन की रणनीति को प्रभावित कर सकता है. प्रदीप निषाद के बयान ने सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है. अब सवाल यह है कि क्या तेज प्रताप का गठबंधन बिहार की सत्ता की चाबी बन पाएगा, या यह भाई-भाई की जंग आरजेडी को कमजोर कर देगी? अब सवाल यह कि सियासी जंग महागठबंधन और आरजेडी के लिए चुनौती बन सकती है? क्या तेज प्रताप की यह रणनीति बिहार की सियासत बदलेगी?