
बिहार में लगातार हो रही शराब की बड़ी खेपों की बरामदगी से परेशान मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने सख्त कदम उठाए हैं। विभाग ने राज्य के 11 चेकपोस्ट प्रभारियों को जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में चेतावनी देते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। यह कार्रवाई बिहार विधानसभा चुनाव से पहले शराबबंदी को और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
जिन चेकपोस्ट के प्रभारियों को नोटिस भेजा गया है, उनमें औरंगाबाद (एरका कुटुम्बा, टंडवा बिहारी एवं मुनगा मोड़), पूर्वी चंपारण (घोड़ासहन), मधुबनी (जटही हरलाखी, वितौना जयनगर एवं नेउ), जमुई (चकाई), बक्सर (जबही) और सिवान (गुठनी एवं धरनी छापर) शामिल हैं। इन सभी से मद्यनिषेध अधीक्षक के मंतव्य के साथ तुरंत जवाब देने को कहा गया है।
विभाग इस बात को लेकर चिंतित है कि आखिर ये बड़ी-बड़ी शराब की खेपें चेकपोस्ट से होकर कैसे गुजर रही हैं। अधिकारियों को संदेह है कि इस लापरवाही के पीछे भ्रष्टाचार भी एक वजह हो सकता है। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो इन सभी प्रभारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बिहार में शराबबंदी कानून लागू है, लेकिन इसके बावजूद लगातार शराब की तस्करी जारी है। पटना सहित राज्य के विभिन्न जिलों में भारी मात्रा में शराब बरामद होने से विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे थे। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए विभाग ने अब इस मामले में कोई ढिलाई न बरतने का फैसला किया है। इस कार्रवाई का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शराब की तस्करी पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके और कानून का पालन सख्ती से हो।
