
राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा बिहार में जारी है. 17 अगस्त को सासाराम से शुरू यह यात्रा 12 जिलों को कवर कर चुकी है. 16 दिनों की यह यात्रा 1300 किलोमीटर और 23 जिलों को कवर करेगी. आगामी 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में समाप्त होगी. 24 अगस्त तक यह यात्रा रोहतास, औरंगाबाद, गया, नवादा, नालंदा, शेखपुरा, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया और अररिया से गुजर चुकी है. इसका सीधा सा उद्देश्य मतदाताओं की जागरूकता के बहाने और महागठबंधन की एकता को मजबूत करना है. इसके साथ ही कांग्रेस के कार्यकर्ताओ में नया जोश भरना है.
वर्ष 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (जेडीयू, राजद, कांग्रेस) ने 178 सीटें जीतीं, जबकि एनडीए को 58 सीटें मिलीं.लेकिन उस समय महागठबंधन के साथ नीतीश कुमार थे.सासाराम (रोहतास) की 7 में से 5 सीटें (राजद 3, जेडीयू 2) महागठबंधन ने जीतीं. तब इस गठबंधन का वोट शेयर 45-50% के बीच रहा था. जबकि एनडीए में बीजेपी ने 2 सीटें जीती थी. इस गठबंधन को 35-40% वोट मिले थे.गया की 10 में 7 सीटें महागठबंधन ने जीतीं, जिनमें जेडीयू ने 4, राजद ने 3 सीटें जीती. वोट शेयर48-52% रहा. जबकि, एनडीएमें बीजेपी ने 3 सीटें जीतीं और वोट प्रतिशत 30-35% रहा.-औरंगाबाद की 6 में से 4 सीटें महागठबंधन के खाते में गईं. जेडीयू को 2 तो राजद और कांग्रेस को 1-1 सीट मिली. वोट शेयर 45-50%के बीच रहा. जबकि एनडीए में बीजेपी को 2 सीट मिली और मत प्रतिशत 35% रहा.नवादा की 5 में से 3 सीटें महागठबंधन ने जीतीं जिनमें जेडीयू ने 2 और राजद ने 1 सीट पर जीत प्राप्त की. वोट शेयर 45% रहा. वहीं, एनडीए में बीजेपी को 2 सीट मिली और वोट प्रतिशत 40% रहा.
वर्ष 2020 में एनडीए ने 125 सीटें जीतीं, जबकि महागठबंधन (राजद, कांग्रेस, वाम) को 110 सीटें मिलीं.सासाराम की 5 सीटें महागठबंधन ने जीतीं, जिनमें राजद ने 3, सीपीआई-एमएल और कांग्रेस ने 1-1 सीट जीती. वोट शेयर 45% रहा. एनडीए में बीजेपी ने 2 सीट जीती और मत प्रतिशत 40% रहा.-गया में 5 सीटें महागठबंधन के खाते में गईं जिनमें राजद को 3, कांग्रेस को 2 सीट पर जीत प्राप्त हुई. वोट शेयर 45% रहा. एनडीए में बीजेपी को 4 और जेडीयू को 1 मिली जबकि वोट प्रतिशत 40 रहा.औरंगाबाद में 3 सीटें महागठबंधन ने जीतीं. कांग्रेस ने 2, राजद ने 1 सीट जीती. वोट शेयर 43% रहा. जबकि एनडीए की ओर से बीजेपी को 2 और जेडीयू को 1 सीट मिली और वोट प्रतिशत 42% रहा.नवादा में राजद ने 2 जीती और वोट शेयर 40% रहा जबकि एनडीए में बीजेपी ने 3 सीट जीती और मत प्रतिशत 45 रहा.
वर्ष 2019 में एनडीए ने बिहार की 39/40 सीटें जीतीं, जबकि महागठबंधन को सिर्फ 1 सीट मिली. सासाराम में बीजेपी (छेदी पासवान ने 52.3% मत शेयर लेकर कांग्रेस की मीरा कुमार को हरा दिया. मीरा कुमार को 39.8% मत मिले.गया में जेडीयू के विजय कुमार ने 48.8% प्रतिशत मत लेकर महागठबंधन के जीतन राम मांझी को हराया. उन्हें 41.2% मत मिले थे.औरंगाबाद में बीजेपी के सुशील कुमार सिंह ने 50.1% मत प्रातप्त कर हम के उपेंद्र प्रसाद को हराया जिन्हें 38.5% मत मिले थे.नवादा में एलजेपी के चंदन सिंह ने 52.5% मत प्राप्त कर आरजेडी की विभा देवी को हराया जिनको 39.7% वोट मिले थे.
2024 में एनडीए को 30 और इंडिया गठबंधन को 9 सीटें मिलीं. इनमें सासाराम में कांग्रेस के मनोज कुमार ने 46.5% मत प्राप्त कर बीजेपी के शिवेश राम को हरा दिया जिन्हें 42.1% मत मिले थे.गया में जेडीयू के विजय कुमार को 49.2% मत मिले और उन्होंने आरजेडी के कुमार सर्वजीत को हराया था जिन्हें 40.8% मत मिले थे.औरंगाबाद में राजद के अभय कुशवाहा ने 45.3% मत प्राप्त कर बीजेपी के सुशील कुमार सिंह को हरा दिया, उन्हें 43.7% वोट मिले थे.नवादा में बीजेपी के विवेक ठाकुर ने 50.4% मत प्राप्त किये और राजद के श्रवण कुमार कुशवाहा को हरा दिया. कुशवाहा को 41.2% मत मिले थे.
राहुल गांधी की यह यात्रा सासाराम, गया, औरंगाबाद और नवादा जैसे क्षेत्रों में महागठबंधन की ताकत को रिवाइव करने का प्रयास है. 2024 में सासाराम और औरंगाबाद में जीत ने गठबंधन को नई ऊर्जा दी है, मगर गया और नवादा में एनडीए की मजबूती चुनौती है. बीजेपी इस यात्रा को क्षेत्रीय अस्मिता से जोड़कर जवाब दे रही है. वहीं, 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले यह यात्रा महागठबंधन के लिए मतदाताओं को लामबंद करने का मौका है. सासाराम और औरंगाबाद में हाल की जीत गठबंधन के लिए सकारात्मक संकेत है, लेकिन नवादा और गया में बीजेपी की पकड़ को तोड़ना चुनौती है. हालांकि, राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा का असर बिहार की सियासत को नई दिशा दे सकता है.

