
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने रविवार को बिहार के सासाराम से अपनी बहुप्रतीक्षित ‘वोट अधिकार यात्रा’ का आगाज किया। यह यात्रा बिहार में वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण (SIR प्रक्रिया) के दौरान कथित ‘वोट चोरी’ और धांधली के आरोपों के खिलाफ INDIA गठबंधन द्वारा शुरू की गई है। इस महत्वपूर्ण यात्रा में राहुल गांधी के साथ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव समेत इंडिया गठबंधन के कई शीर्ष नेता और हजारों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।
यात्रा की शुरुआत सासाराम में सुबह 11 बजे हुई, जहां राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित किया। इस दौरान कांग्रेस के झंडों के साथ-साथ आरजेडी और अन्य सहयोगी दलों के झंडे भी लहराते दिखे, जो INDIA गठबंधन की एकजुटता का स्पष्ट संदेश दे रहा था। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य आम जनता को उनके मतदान के अधिकार के प्रति जागरूक करना और कथित धांधली के खिलाफ एक मजबूत आवाज उठाना है।
यह यात्रा 11 दिनों तक चलेगी और बिहार के विभिन्न हिस्सों से होकर गुजरेगी। कुल मिलाकर, यह यात्रा 1300 किलोमीटर की दूरी तय करेगी, जिसके लिए इसे 30 अलग-अलग पड़ावों में बांटा गया है। सासाराम से शुरू होने के बाद यह काफिला औरंगाबाद और गया जैसे महत्वपूर्ण शहरों से होते हुए सीमांचल के इलाकों की ओर बढ़ेगा। सीमांचल क्षेत्र में मुस्लिम बहुल आबादी है, और यहां की राजनीतिक संवेदनशीलता को देखते हुए यह यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
यात्रा का समापन 1 सितंबर को बिहार की राजधानी पटना में एक भव्य कार्यक्रम के साथ होगा। इस समापन समारोह में INDIA गठबंधन के सभी बड़े नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है, जो इसे आगामी चुनावों से पहले एक शक्ति प्रदर्शन का मौका देगा।
कांग्रेस और आरजेडी का आरोप है कि बिहार में वोटर लिस्ट की जांच के दौरान बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम जानबूझकर हटाए गए हैं। राहुल गांधी ने यात्रा की घोषणा करते हुए कहा था कि यह सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा नहीं, बल्कि आम जनता के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की लड़ाई है। यह यात्रा न केवल बिहार में, बल्कि पूरे देश में एक सियासी हलचल पैदा कर सकती है, क्योंकि यह ‘वोट चोरी’ के आरोपों को राष्ट्रीय स्तर पर उजागर करने का एक बड़ा प्रयास है।

