
बिहार में भारी बारिश से कई इलाके बाढ़ की चपेट में है.शुक्रवार की देर रात हुई झमाझम बारिश से राजधानी के कई ईलाकों में जल जमाव हो गया है.पटना , बक्सर, सुपौल, सीतामढ़ी सहित कई जिलों के लिए मौसम विभाग ने में रेड अलर्ट जारी किया है. 19 जिलों में दिनभर भारी बारिश की संभावना है. देर रात को अचानक मौसम ने करवट ली और पटना में रेड अलर्ट के दायरे में तेज तूफान के साथ भारी बारिश होने लगी. इसके अलावा, बक्सर, सुपौल, सीतामढ़ी, किशनगंज सहित उत्तर बिहार के कई जिलों में मूसलाधार बारिश रिकॉर्ड की गई. आज सुबह से ही मौसम का यही मिजाज है. हिमालय के तराई वाले सभी जिलों में बारिश हो रही है.
आज उत्तर बिहार के सभी 19 जिलों में दिनभर मूसलाधार बारिश होने की संभावना है. इसमें 08 जिलों में भारी बारिश होगी. बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. बेगूसराय में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है. पटना में भी गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. राजधानी का बिंद टोला टापू बन चुका है. पटना सिटी में गुरुद्वारे तक गंगा नदी पहुंच चुकी है. बक्सर में स्टेट हाइवे पर गंगा का पानी बह रहा है. धीरे-धीरे स्थिति बेहद खराब होती जा रही है.
शनिवार का दिन बिहार के 10 जिलों के लिए खतरे का दिन है. भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी और शिवहर में आज भारी बारिश होगी. इसका असर सुबह से दिख भी रहा है. सिर्फ बारिश ही नहीं बल्कि गरज चमक के आकाशीय बिजली गिरने की भी प्रबल संभावना है. इसके अलावा भी बिहार के शेष जिलों में अच्छी बारिश हो सकती है.बक्सर, पटना सहित दक्षिण बिहार के भी कई जिलों में देर रात से मौसम का मिजाज बदला है और बारिश का दौर शुरू हुआ है. इन जिलों के लोगों को भी सावधान रहने की सलाह दी गई है. पूरे बिहार में येलो अलर्ट जारी किया गया है.
बक्सर से लेकर भागलपुर तक गंगा खतरे के निशान के उपर है. पटना में खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर पानी बह रहा है. दीघा घाट पर 51.62 मीटर और गांधी घाट पर 50.20 मीटर जलस्तर मापा गया है. यह जलस्तर दीघा घाट पर खतरे के निशान से 117 सेमी और गांधी घाट पर खतरे के निशान से 160 सेमी ऊपर है. इसी तरह बक्सर में 43 सेमी, मनेर में 148 सेमी, हाथीदह में 135 सेमी, मुंगेर में 24 सेमी ऊपर गंगा का पानी बह रहा है. गंगा के किनारे रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है.बराह से कोसी में 94,775 क्यूसेक और बीरपुर बराज से 1.19 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है. बाल्मिीकी क्यूसेक, इंद्रपुरी से सोन में 1.02 लाख क्यूसेक छोड़ा है. इससे बाढ़ का खतरा सुर बढ़ सकता है.