
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन का आज 4 अगस्त 2025 को निधन हो गया। 81 वर्ष की आयु में उन्होंने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। शिबू सोरेन, जिन्हें उनके समर्थक ‘गुरुजी’ और ‘दिशोम गुरु’ के नाम से पुकारते थे, लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की खबर से झारखंड समेत पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है।
शिबू सोरेन को 19 जून 2025 को तबीयत बिगड़ने के बाद दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग में भर्ती थे और कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे। उनकी मृत्यु का कारण किडनी की पुरानी बीमारी, डायबिटीज, हृदय संबंधी जटिलताएं और हाल ही में हुआ ब्रेन स्ट्रोक बताया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि वे डायलिसिस पर थे और उनकी बाईपास सर्जरी भी हो चुकी थी। जुलाई में उनके स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार हुआ था, लेकिन अगस्त की शुरुआत में उनकी हालत फिर से नाजुक हो गई थी, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
शिबू सोरेन का निधन झारखंड की राजनीति में एक युग का अंत माना जा रहा है। 1970 के दशक में महाजनों के शोषण के खिलाफ आदिवासियों को एकजुट करने से लेकर अलग झारखंड राज्य के लिए दशकों तक संघर्ष करने तक, उनका जीवन संघर्ष और दृढ़ संकल्प का प्रतीक था। उनके पिता, सोबरन मांझी, की हत्या ने उन्हें सामाजिक और राजनीतिक संघर्ष के रास्ते पर ला खड़ा किया। साल 1973 में उन्होंने JMM की स्थापना की और झारखंड को बिहार से अलग करने के आंदोलन का नेतृत्व किया। वे दुमका से आठ बार लोकसभा सांसद, तीन बार राज्यसभा सांसद और तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। उनके बेटे और झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, “आज मैं शून्य हो गया हूं।”