
बिहार बाढ़ की चपेट में हैं. गंगा समेत बिहार की 10 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. पटना के 7 प्रखंडों की 24 पंचायतों में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है.अथमलगोला, बाढ़, दानापुर, दनियावां, मनेर, मोकामा और पटना सदर की पंचायतों की करीब एक लाख की आबादी प्रभावित है.बेगूसराय में बाढ़ की हालत को देखते हुए प्रभावित 8 प्रखंड के 137 स्कूलों एवं सभी आंगनबाड़ी केंद्र को 14 अगस्त तक के लिए बंद कर दिया गया है.बाढ़ के पानी में डूबने से अलग-अलग जिलों में 11 लोगों की मौत की खबर है.सबसे ज्यादा बेगूसराय में 6 भागलपुर में 4, वैशाली में 1 की की मौत हुई है. बाढ़ के चलते बिहार में 10 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं.
भागलपुर के नाथनगर थाना क्षेत्र के लालूचक से पलायन कर रहे बाढ़ पीड़ितों पर रविवार को घड़ियाल ने हमला बोल लिया. इस घटना में पांच लोग जख्मी हो गए. घायलों को JLNMCH में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है. लोगों के अनुसार घर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. अधिकांश समान अभी भी घर में ही है. जरूरी सामान निकलाने के लिए हमलोग महाशय ड्योढ़ी से घर आना-जाना करते रहते हैं. रविवार को भी कुछ सामान लेकर घर से आ रहे थे, तभी घड़ियाल ने हमला कर दिया. काफी संघर्ष के बाद हमलोग किसी तरह मौत के चंगुल से छूटकर निकलने में सफल रहे.
गोपालगंज, बगहा, समस्तीपुर में तेज बारिश शुरू हो गई है. पटना के कुछ इलाकों में बादल छाए हैं. मौसम विभाग के अनुसार आज बिहार के 19 जिलों में बारिश की संभावना है.अगले अगले 48 घंटे में पटना सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी है. पटना के बख्तियारपुर प्रखंड के चिरैया दियारा पंचायत निवासी चंद्रकेत राय की पत्नी संजू देवी (35) ने नाव पर ही बेटी को जन्म दिया.पंचायत वर्तमान में चारों ओर से गंगा के बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है. प्रसव पीड़ा होने पर संजू देवी नाव के सहारे बख्तियारपुर अस्पताल ले जाया जा रहा था.जब नाव गंगा नदी के बीच पहुंची, तब संजू देवी की प्रसव पीड़ा असहनीय हो गई. जिसके बाद नाव पर सवार अन्य महिलाओं ने तुरंत मदद की. जिसके बाद संजू देवी ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया.
पटना जिले के 7 प्रखंडों की 24 पंचायतें बाढ़ से बेहाल हैं. अथमलगोला, बाढ़, दानापुर, दनियावां, मनेर, मोकामा और पटना सदर की पंचायतों की करीब एक लाख की आबादी प्रभावित है. अधिकतर लोग अपने-अपने गांव से पलायन कर जिला प्रशासन के राहत शिविरों में शरण लिये हुए हैं.बाढ़ पीड़ितों की सुविधा के लिए जिला प्रशासन की ओर से 6 सामुदायिक रसोई के जरिए खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है. 104 नावों का परिचालन कराया जा रहा है. राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 1-1 टीम तैनात है.पटना की सडकों पर अपना मवेशी और सामान लेकर बाढ़ पीड़ित शरण लिए हुए हैं.