मौसम विज्ञान केंद्र ने आज बुधवार को बिहार के 25 जिलों में तेज बारिश और बिजली गिरने का यलो अलर्ट जारी किया है.
इन जिलों में 40 KM/H की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है. .मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, बारिश का सिलसिला अभी थमने वाला नहीं है. पिछले 24 घंटे के दौरान कई जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई है. सीवान में सबसे अधिक 90.4 मिमी, मधुबनी और पूर्वी चंपारण में 75.6 मिमी, नालंदा में 74.8 मिमी, कटिहार में 71.4 मिमी और पूर्णिया में 67.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है.आपदा प्रबंधन की ओर से लोगों को सतर्क रहने और खुले मैदानों से दूर रहने की सलाह दी गई है.
उत्तराखंड में हो रही बारिश की वजह से गंगा नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ा है. निचले इलाकों में नदी का पानी घुस गया है. बाढ़ को लेकर जल संसाधन विभाग सतर्क है.मौसम विभाग के अनुसार ‘छपरा और वाल्मीकि नगर के ऊपर से मानसून ट्रफ लाइन गुजर रहा है. इसके अलावा उत्तर-पूर्व बिहार से एक अन्य ट्रफ गुजर रहा है. इस कारण अगले 7 दिनों तक प्रदेश में बारिश की संभावना है.मानसून का सीजन अभी आधा बचा हुआ है. जून और जुलाई में जिन क्षेत्रों में बारिश कम हुई है, वहां अगस्त में इसकी भरपाई की संभावना है. अभी प्रदेश में भारी बारिश के संकेत है.
राज्य में अब तक सामान्य से 26% कम बारिश दर्ज की गई है. पटना मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, अब तक 545 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, जबकि मात्र 403.1 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है’.पूर्णिया में 38 साल बाद रिकॉर्ड बारिश हुई है. रविवार से लेकर सोमवार तक 270.6 मिमी बारिश हुई, जो 1987 के बाद सबसे ज्यादा है। तब 294.9 मिमी बारिश हुई थी.भोजपुर में बाढ़ जैसे हालात हैं. यहां 71 स्कूल 9 अगस्त तक के लिए बंद कर दिया गया है. बेतिया में सड़क पर 4 फीट तक गंडक का पानी भर गया है.
‘बिहार में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल से नदियां आती है. गंगा नदी का जलस्तर इस समय कई जगहों पर बढ़ा हुआ है. विभाग लगातार बनारस, प्रयागराज जैसे अपस्ट्रीम क्षेत्रों की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं.गंगा का जलस्तर आने वाले 24 घंटे बाद में धीरे-धीरे घटने की संभावना है. हालांकि किसी भी आपात की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. सभी अभियंता, तकनीकी टीम और जिला स्तरीय अधिकारी अलर्ट मोड में काम कर रहे हैं.बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुए विभाग ने तटबंधों की सतत निगरानी, आवश्यक मरम्मत कार्य, पेट्रोलिंग और राहत सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली है.