
चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर और बीजेपी के बीच अब आर-पार की लड़ाई शुरू हो गई है। प्रशांत किशोर लगातार उप-मुख्यमंत्री से लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष तक पर तीखे हमले कर रहे थे, जिसके बाद अब बीजेपी ने भी उन पर मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी प्रवक्ता दानिश इकबाल ने प्रशांत किशोर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि जो दूसरों को नैतिकता का पाठ पढ़ाते हैं, वे खुद कानून के कटघरे में खड़े हैं।
बीजेपी प्रवक्ता ने दावा किया कि प्रशांत किशोर पर पाटलिपुत्र थाने में 2020 से ही केस नंबर 94/2020 दर्ज है, जिसमें उन पर आईपीसी की धारा 467, 468, 471, 420, 406 और 120बी जैसे संगीन आरोप हैं। ये आरोप जालसाजी, धोखाधड़ी और सुनियोजित साजिश से संबंधित हैं। बीजेपी का यह हमला प्रशांत किशोर के उस ऐलान के जवाब में देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने 8 अगस्त को बीजेपी के एक बड़े नेता का खुलासा करने की बात कही थी।
क्या है प्रशांत किशोर के खिलाफ मामला?
दरअसल, प्रशांत किशोर के खिलाफ पटना के पाटलिपुत्र थाने में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 406 (विश्वास तोड़ना) के तहत मामला दर्ज कराया गया था। यह केस शाश्वत गौतम नाम के एक शख्स ने दर्ज करवाया था। गौतम ने आरोप लगाया था कि उन्होंने ‘बिहार की बात’ नाम से एक प्रोजेक्ट बनाया था। उनके यहां काम करने वाले ओसामा नाम के युवक ने इस प्रोजेक्ट का सारा कॉन्टेंट प्रशांत किशोर को दे दिया, जिसका इस्तेमाल प्रशांत किशोर ने अपने अभियान में किया। यह मामला अभी भी पटना की अदालत में विचाराधीन है और प्रशांत किशोर ने इसमें जमानत ले रखी है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पर चुप्पी क्यों?
यह भी एक दिलचस्प बात है कि प्रशांत किशोर लगातार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर मेडिकल कॉलेज से जुड़े गंभीर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन जायसवाल या पार्टी का कोई बड़ा नेता सीधे तौर पर उनके बचाव में नहीं आया है। बीजेपी की तरफ से यह मोर्चा दानिश इकबाल और नीरज कुमार जैसे प्रवक्ताओं ने संभाला है।
‘जन-सुराज’ का बीजेपी पर पलटवार
बीजेपी के आरोपों के बाद ‘जन-सुराज’ के प्रवक्ता संजय ठाकुर ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि जब से प्रशांत किशोर ने बीजेपी नेताओं की कारगुजारियों का खुलासा करना शुरू किया है, तब से बीजेपी में बेचैनी है। ठाकुर ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह निराधार आरोप लगाकर अपने नेताओं की सच्चाई को छिपाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर किसी भी जांच से डरने वाले नहीं हैं। अब सबकी निगाहें 8 अगस्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं, जब प्रशांत किशोर एक और बीजेपी नेता को बेनकाब करने का दावा कर रहे हैं।
