सुप्रीम कोर्ट से कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को राहत, PM मोदी और RSS पर विवादित कार्टून मामले में गिरफ्तारी पर रोक
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर आपत्तिजनक कार्टून बनाने के आरोप में घिरे कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मंगलवार, 15 जुलाई 2025 को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है। हालांकि, कोर्ट ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के ‘दुरुपयोग’ पर गहरी चिंता व्यक्त की और इसे “अपरिपक्व और भड़काऊ” करार दिया।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने मालवीय के कार्टून पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। सुनवाई के दौरान, मालवीय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने दलील दी कि हेमंत ने संबंधित कार्टून पोस्ट डिलीट कर दी है और भविष्य में ऐसी गलती न दोहराने का आश्वासन भी दिया है। उन्होंने अदालत में माफीनामा भी दाखिल किया। ग्रोवर ने माना कि कार्टून भले ही “बेकार” या “बुरे स्वाद” का हो सकता है, लेकिन इसे अपराध नहीं कहा जा सकता।
अदालत की नाराजगी और चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पर हो रही आपत्तिजनक टिप्पणियों और बेलगाम बयानबाजी पर भी चिंता जताई। अदालत ने कहा कि सभी को अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब अपमान करने की आजादी नहीं है।” पीठ ने जोर देकर कहा कि लोग अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल तो कर रहे हैं, लेकिन भाईचारा और सम्मान सुनिश्चित करने के मौलिक कर्तव्यों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
शिकायतकर्ता की मांग और अंतरिम सुरक्षा
शिकायतकर्ता के वकील ने मालवीय के माफीनामे पर आपत्ति जताई और कोर्ट से हलफनामा दाखिल करने की मांग की। दूसरी ओर, अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने मालवीय के लिए अंतरिम सुरक्षा की मांग की थी, क्योंकि पुलिस बार-बार उनका दरवाजा खटखटा रही थी। अदालत ने मालवीय की ओर से दाखिल माफीनामा को रिकॉर्ड पर लेते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। कोर्ट ने साफ किया कि जब तक अगला आदेश नहीं आता, तब तक हेमंत मालवीय को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर मालवीय भविष्य में ऐसे ही कार्टून साझा करते रहे तो राज्य कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा।
मामले की पृष्ठभूमि
हेमंत मालवीय के खिलाफ आरएसएस कार्यकर्ता और वकील विनय जोशी की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि मालवीय ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री अपलोड करके हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ा। मालवीय का कहना है कि उन्होंने यह कार्टून कोरोना महामारी के दौरान 2021 में बनाया था।
इससे पहले 3 जुलाई को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हेमंत मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, यह कहते हुए कि उन्होंने ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ का गलत इस्तेमाल किया है।
