गंगा किनारे फेंकी थी पिस्तौल, लिए 3.5 लाख रुपये…
सिटी पोस्ट लाइव : गोपाल खेमका मर्डर केस में शामिल शूटर के साथ हिरासत में लिए गए चार संदिग्धों से पूछताछ में मास्टरमाइंड का नाम भी उजागर हो गया है. उसकी तलाश में पुलिस अलग-अलग इलाकों में छापेमारी कर रही है. उसकी गिरफ्तारी के बाद हत्या के पीछे की असली वजह का भी खुलासा हो जाएगा.उसकी तलाश में चार टीमें पटना और आसपास के जिलों में छापेमारी कर रही हैं.
गिरफ्तार शूटर उमेश उर्फ विजय मूल रूप से नदी थाना क्षेत्र का रहने वाला है, लेकिन उसने पटना शहर में अपना ठिकाना बना रखा था. शुक्रवार की रात गोपाल खेमका की हत्या के बाद वह जेपी गोलंबर से जेपी सेतु की ओर बढ़ा. सीसीटीवी फुटेज में एक जगह उसके मोबाइल की लाइट जलती दिखी.पुलिस ने इलाके का डंप निकाला. बेउर जेल से भी कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबर मिले. तकनीकी जांच के बाद पुलिस को एक नंबर मिला, जिसके जरिए शूटर तक पहुंचने का रास्ता साफ हो गया. उसका लोकेशन भी हाजीपुर में मिला. उसके बाद पटना शहर के बेगमपुर में मिला. पुलिस का शक यकीन में बदल गया कि शूटर चौक, मालसलामी या बाइपास में छिपा है.
शूटर का लोकेशन मिलने के बाद पुलिस ने दो दिनों तक पटना शहर के तीन थाना क्षेत्रों में फुटेज में दिख रहे शूटर से मिलते-जुलते हुलिए वाले व्यक्ति की तलाश तेज कर दी. पांच संदिग्धों को उठाया गया, जिसमें एक उमेश भी था. उसके हुलिए और घटना के दौरान उसकी हरकतों से संकेत मिल रहा था कि शूटर यहीं हो सकता है.कड़ाई से पूछताछ में उसने वह सब उगल दिया.पुलिस ने घटना में इस्तेमाल की गई स्कूटी भी उसके पास से बरामद कर ली है.उसके ठिकाने से तीन लाख रुपये बरामद किए गए. जिस पिस्तौल से उसने गोली मारी थी, उसे भी गंगा किनारे से बरामद कर लिया गया.
इस घटना में वह अकेला नहीं था. उसके साथ दो लाइनर भी थे. घटना को अंजाम देने के लिए शूटर ने खेमका के आवास से लेकर बांकीपुर क्लब तक कई बार रेकी की थी. रेकी के बाद उसे कहां रुकना था? गोली चलाने के बाद उसने पहले ही तय कर लिया था कि उसे किस दिशा में भागना है.
