
बिहार की सियासत एक बार फिर गरमाने को है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जुलाई को मोतिहारी के दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरे को राजनीतिक रूप से बेहद अहम और ऐतिहासिक माना जा रहा है, खासकर आगामी 2025 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए। प्रधानमंत्री की प्रस्तावित जनसभा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा मोतिहारी पहुंचे, जहां एनडीए के नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा, “यह दौरा सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि इतिहास रचने का अवसर है। प्रधानमंत्री जब भी बिहार आते हैं, राज्य को अरबों की योजनाएं सौगात में देते हैं। इस बार भी चंपारण की धरती से विकास की कई घोषणाएं होंगी और एनडीए की एकजुटता का संदेश जाएगा।”
संजय झा ने भी प्रधानमंत्री के बिहार प्रेम को रेखांकित करते हुए कहा, “मोदी जी का चंपारण आना उनके बिहार और बापू के प्रति समर्पण को दर्शाता है।” उन्होंने कहा कि इस जनसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित एनडीए के तमाम बड़े नेता मंच साझा करेंगे। यह प्रधानमंत्री मोदी का चौथा मोतिहारी दौरा होगा, जिससे यह स्पष्ट होता है कि चंपारण अब राजनीतिक रूप से एक मजबूत केंद्र बन चुका है। गांधी मैदान में आयोजित इस विशाल जनसभा में लाखों की भीड़ उमड़ने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी इस दौरे में बुनियादी ढांचे, सिंचाई, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी कई नई योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। साथ ही आगामी चुनाव के लिए एनडीए का विजन और रोडमैप भी सामने रखेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह दौरा एनडीए के चुनावी अभियान की शुरुआत की तरह देखा जा रहा है, जिसमें गठबंधन की एकता, केंद्र-राज्य तालमेल और विकास के एजेंडे को जनता के सामने मजबूती से रखा जाएगा।