
CBSE ने छात्रों की हित में एक बड़ा फैसला लिया है। CBSE ने गाइडलाइन जारी करते हुए सभी विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश दे दिया है। जिसके कारण हर बच्चों पर पैनी नजर रखी जा सके और उनकी सुरक्षा निश्चित की जा सके। बुलिंग और एब्यूस जैसी घटना के लिए ऐसा कदम उठाया गया है।
दरअसल, CBSE ने स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए हाई रेज़ोल्यूशन ऑडियो-विजुअल सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है। ये कैमरे स्कूल के गेट, कक्षाओं, गलियारों, सीढ़ियों, लाइब्रेरी, लैब, कैंटीन, स्टोर रूम और खेल के मैदान जैसी सभी ज़रूरी जगहों पर लगाए जाएँगे। लेकिन टॉयलेट और वाशरूम के प्राइवेसी के चलते इसे बाहर लगाया जाएगा। वहीं सभी कैमरे काम करते रहने चाहिए और कम से कम 15 दिनों तक का सीसीटीवी फुटेज होना चाहिए। ताकि कोई घटना घटती है तो उस समय इसकी रिकॉर्डिंग होनी चाहिए। रिकॉर्ड को सुरक्षित रखना स्कूल प्रबंधन की ज़िम्मेदारी है।
हालांकि, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का कहना है कि बच्चों को न केवल शारीरिक सुरक्षा, बल्कि मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक सुरक्षा की भी आवश्यकता है। स्कूल के प्रत्येक शिक्षक, कर्मचारी और प्रधानाचार्य की ज़िम्मेदारी है कि वे बच्चों को सुरक्षित और सहयोगात्मक वातावरण प्रदान करें। इस नियम से स्कूलों में होने वाले दुर्व्यवहार पर लगाम लगेगी और अभिभावक निश्चिंत हो सकेंगे कि उनका बच्चा स्कूल में सुरक्षित है। यह नया नियम बच्चों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम है, जिससे स्कूलों में निगरानी और मज़बूत होगी।