बिहारराजनीति

BJP-JDU और RJD के 10 मौजूदा विधायक हो सकते हैं चुनाव मैदान से बाहर

बिहार,JDU-BJP

BJP-JDU और RJD के 10 मौजूदा विधायक हो सकते हैं चुनाव मैदान से बाहर.

बिहार के एक दर्जन से ज्यादा JDU-BJP विधायकों का टिकेट कट सकता है. सभी दल अपने अपने उम्मीदवारों के नाम की सूची बना रहे हैं.उम्मीदवारों के आधार पर ही सीटों का बटवारा हो रहा है.जिस सीट से जिसका उम्मीदवार ज्यादा मजबूत है, उसे वो सीट देने की तैयारी है.बिहार के सियासी गलियारों में उम्मीदवारों की सूची को लेकर चर्चा तेज हैं. कुछ बड़े चेहरों के चुनाव मैदान से बाहर होने की सुचना है.खासकर आपराधिक मामलों, उम्र सीमा और पार्टी रणनीति के में फिट नहीं बैठने वाले तकरीबन 100 मौजूदा विधायकों का पत्ता कटने का डर भी सता रहा है. खास बात यह है कि इसमें मौजूदा 10 से 20 उम्रदराज विधायकों का नाम भी शामिल है.

साल 2020 के चुनाव में जीतकर आए 58 विधायक ऐसे हैं, जिनका उम्र 61 से 70 साल के बीच है. 66 प्रतिशत दागी विधायक विधानसभा पहुंचे थे. राजनीतिक जानकारों की मानें तो बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कई प्रमुख नेताओं को आपराधिक मामलों, उम्र सीमा और पार्टी की रणनीति के कारण मैदान में नहीं उतारा जा रहा है. मौजूदा बिहार विधानसभा में कई उम्रदराज विधायक हैं, जिनमें से कुछ की उम्र 80 वर्ष छू गई है तो कुछ की 75 क्रॉस कर गया है और कुछ 60 से 70 के बीच के हैं. इनमें से कई को बीजेपी और जेडीयू की उम्र सीमा नीति के कारण 2025 में टिकट मिलना मुश्किल हो सकता है.

सुपौल से जेडीयू विधायक बिजेंद्र प्रसाद यादव मौजूदा विधानसभा में सबसे बुजुर्ग विधायक हैं. यादव 80 साल पार करने वाले हैं. साल 2020 का विधानसभा चुनाव इमामगंज सीट से जीतने वाले केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी 74 साल में चुनाव जीते थे. हालांकि वह बाद में इस्तीफा देकर लोकसभा का चुनाव गया सीट से लड़े और जीतकर केंद्रीय मंत्री बने. बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव भी 73 को क्रॉस करने वाले हैं. मौजूदा विधानसभा में सबसे ज्यादा 12 बुजुर्ग विधायक जेडीयू से हैं. इसके बाद बीजेपी का नंबर आता है.

बिजेंद्र प्रसाद यादव (जेडीयू, सुपौल) तकरीबन 80 साल,-ललित नारायण मंडल (जेडीयू, सुल्तानगंज) तकरीबन 75 साल,-मदन सहनी (जेडीयू, बहादुरपुर) तकरीबन 73 साल,-अरुण कुमार सिन्हा (बीजेपी, कुम्हरार) तकरीबन 74 साल,-मनोज यादव (जेडीयू, बेलहर) तकरीबन 70 साल,
नंदकिशोर यादव (बीजेपी, पटना साहिब) तकरीबन 73 साल,-राम नारायण मंडल (बीजेपी, बांका) तकरीबन 72 साल,-जितेंद्र कुमार राय (जेडीयू, परिहार) तकरीबन 70 साल,अच्मित ऋषिदेव (जेडीयू, रानीगंज) तकरीबन 70 साल,अवध बिहारी चौधरी (राजद, सिवान) तकरीबन 70 साल.

बिहार में बीजेपी और जेडीयू ने 75 साल से ज्यादा ऊम्र के विधायकों की जगह युवाओं को मैदान में उतारने का फैसला लिया है. जिन ऊम्र दराज विधायकों का टिकेट कटनेवाला है वो अपने बच्चों को राजनीति में लाने के लिए जोर लगाए हुये हैं.हाल ही में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी 75 वर्ष से अधिक उम्र के नेताओं को मार्गदर्शक भूमिका में रखने की वकालत की है जिसकी शुरुवात बिहार से शुरू होने वाली है. जेडीयू में बिजेंद्र प्रसाद यादव जैसे वरिष्ठ नेताओं का टिकट कटना लगभग तय है, जबकि लालू प्रसाद यादव और अनंत सिंह जैसे नेता कानूनी अड़चनों के कारण बाहर हैं. उम्रदराज विधायकों की सूची में शामिल कई नेता जैसे अरुण कुमार सिन्हा और नंदकिशोर यादव, बीजेपी के मजबूत चेहरे हैं, लेकिन युवा चेहरों को मौका देने की रणनीति उनके लिए चुनौती बन सकती है.

कुलमिलाकर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में उम्र और कानूनी अड़चनों के कारण कई बड़े चेहरों का मैदान से बाहर रहना तय है. बीजेपी और जेडीयू की युवा नेतृत्व पर जोर देने की रणनीति से नंदकिशोर यादव जैसे दिग्गजों पर भी संशय है. दूसरी ओर, तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर जैसे नेता युवा और अति पिछड़ा वोटरों को साधने में जुटे हैं. यह सियासी समीकरण बिहार की सियासत में नया रंग लाएगा और मतपेटियां ही बताएंगी कि कौन कितना दम रखता है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!