
बिहार की सियासत में तेजस्वी यादव ने एक बार फिर हलचल मच गई है. तेजस्वी यादव ने बिहार की कद्दावर नेता रेणु कुशवाहा को अपने साथ कर लिया है.आज रेनू कुशवाहा ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दामन थाम लिया. आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पटना में आयोजित एक समारोह में रेणु कुशवाहा को पार्टी की सदस्यता दिलाई. रेनू कुशवाहा का बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले आरजेडी में जाना बहुत मायने रखता है. रेणु कुशवाहा के साथ उनके पति विजय कुशवाहा और राघवेंद्र सिंह कुशवाहा ने भी आरजेडी की सदस्यता ग्रहण की. उनके इस कदम ने सियासी गलियारों में चर्चा तेज कर दी है कि कुशवाहा समुदाय को अपने पाले में लाने के लिए राजद अपनी रणनीति पर आगे बढ़ चला है.
रेणु कुशवाहा बिहार की खगड़िया से आती हैं और जनता दल (यूनाइटेड) की वरिष्ठ नेता रही हैं. वह बिहार की सियासत में पिछड़े वर्ग की एक प्रभावशाली चेहरा मानी जाती हैं. रेणु कुशवाहा पूर्व में खगड़िया से सांसद रह चुकी हैं. वह भाजपा, जेडीयू और लोजपा में भी सक्रिय रही हैं. रेणु कुशवाहा तीन बार विधायक और एक बार सांसद रह चुकी हैं. वह दो बार बिहारकी मंत्री भी रह चुकी हैं. 1999 में जेडीयू के टिकट पर रेणु ने आरजेडी के सीनियर नेता आरके राणा की पत्नी को हरा दिया था. वह सामाजिक कार्यों और महिला सशक्तिकरण के लिए जानी जाती हैं.
रेणु कुशवाहा का राजद में शामिल होना बिहार की सियासत में एक बड़ा बदलाव है. सूत्रों के अनुसार, जदयू में उनकी उपेक्षा और सीट बंटवारे में उचित सम्मान न मिलने से वह नाराज थीं. तेजस्वी यादव ने इस मौके को भुनाते हुए उन्हें राजद में शामिल कर लिया. तेजस्वी ने कहा, रेणु जी का अनुभव और EBC समुदाय में उनकी पकड़ राजद को मजबूत करेगी. यह कदम राजद की रणनीति का हिस्सा है जो EBC और पिछड़ा वर्ग के वोटों को साधने की कोशिश में हैं.
रेणु देवी के राजद में शामिल होने से बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए को झटका लगा है. खासकर कुशवाहा समाज में रेणु का प्रभाव है और जदयू – बीजेपी को नुकसान हो सकता है.उपेंद्र कुशवाहा ने हाल ही में शाहाबाद में लोकसभा चुनाव की हार का जिक्र करते हुए सीट बंटवारे की गलतियों पर सवाल उठाया था. रेणु देवी का यह कदम उस असंतोष का परिणाम माना जा रहा है. बहराहल, रेणु कुशवाहा ने कहा, मैं राजद के साथ मिलकर बिहार के विकास और सामाजिक न्याय के लिए काम करूंगी. दूसरी ओर जदयू ने इसे ‘विश्वासघात’ करार दिया है. अब देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की सियासत में यह बदलाव आने वाले दिनों में और भी रंग लाएगा. राजनीति के जानकार कहते हैं कि तेजस्वी यादव ने रेणु कुशवाहा को राजद में शामिल कर बिहार की सियासत में कुशवाहा मतों को साधने की रणनीतिक चाल चली है. रेणु का राजद में आना एनडीए के लिए बड़ा झटका है. दरअसल, बिहार में कुशवाहा समुदाय लगभग 4-5% मतदाता हैं. रेणु की लोकप्रियता और EBC समुदाय में उनकी पकड़ राजद को उनके प्रभाव वाले क्षेत्रों में मजबूती दे सकती है.
