
पटना में 31 करोड़ रुपए के भू-अर्जन घोटाले से जुड़े मामले में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि यह रकम दक्षिण अफ्रीका और फिलीपींस की गेमिंग कंपनियों में निवेश कर दी गई थी। यह घोटाला एग्जीबिशन रोड स्थित कोटक महिंद्रा बैंक की एक शाखा से जुड़ा है, जहां से इस संदेहास्पद लेनदेन की शुरुआत हुई थी।
मामले की छानबीन के दौरान जैसे-जैसे कड़ियाँ खुलीं, जांच एजेंसियों को पता चला कि सरकारी भू-अर्जन के नाम पर जारी की गई राशि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हवाला और निवेश चैनलों के माध्यम से बाहर भेज दिया गया।
अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोटक महिंद्रा बैंक के एक पूर्व मैनेजर समेत दो अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। एजेंसी ने बैंक खातों, संपत्तियों और विदेशी लेनदेन की कड़ाई से जांच शुरू कर दी है।
आगे क्या?
ED अब यह पता लगाने की प्रक्रिया में है कि इन पैसों से कौन-कौन सी संपत्तियां भारत या विदेश में खरीदी गईं, और कौन-कौन लोग इस नेटवर्क से जुड़े हैं। आने वाले दिनों में बड़ी जब्ती और गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।
यह मामला बिहार में सरकारी योजनाओं के तहत होने वाले भू-अर्जन में पारदर्शिता की गंभीर कमी और प्रशासनिक निगरानी की कमजोरियों को उजागर करता है। ED की यह जांच आने वाले समय में कई और चौंकाने वाले खुलासे कर सकती है।