
बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) विनय कुमार ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य में अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्यभर में 1172 कुख्यात अपराधियों की पहचान की जा चुकी है, जिन्होंने अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित की है। इनमें से 188 अपराधियों की संपत्ति जब्त करने के लिए न्यायालय में प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं, और अब तक 4 मामलों में न्यायालय द्वारा संपत्ति जब्ती का आदेश भी पारित किया जा चुका है।
डीजीपी ने कहा कि “बिहार सरकार की यह कार्रवाई रंग ला रही है।” भ्रष्टाचार के खिलाफ भी निगरानी विभाग के माध्यम से दो दर्जन से अधिक पुलिस पदाधिकारियों को पकड़ा गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में FIR दर्ज करने की प्रक्रिया में भी तेजी आई है और इस साल पिछले साल की तुलना में ज्यादा एफआईआर दर्ज हुए हैं। स्पीडी ट्रायल को भी प्राथमिकता दी जा रही है ताकि दोषियों को जल्द सजा मिले।
आर्म्स एक्ट के तहत जमानत पर रिहा अपराधियों की जमानत रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, जो दोबारा अपराध में संलिप्त पाए गए हैं। वहीं, साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी जिलों में साइबर थानों की स्थापना की योजना पर काम चल रहा है। साइबर ठगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई जारी है।
हत्या के मामलों पर बोलते हुए DGP ने कहा, “अगर साल में एक भी हत्या होती है, तो वह सहने योग्य नहीं है। सबको जीने का अधिकार है।” उन्होंने बताया कि वर्ष 2004 में जहां करीब 4000 हत्याएं हुई थीं, वहीं 2024 में यह आंकड़ा घटकर 2400 तक आ गया है। यानी हत्या की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में DGP विनय कुमार ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की प्राथमिकता कानून का राज स्थापित करना और अपराधियों पर लगाम कसना है।