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केंद्र सरकार ने सोमवार को जातिगत जनगणना के लिए राजपत्र अधिसूचना जारी करते हुए देश के 16वें जनगणना अभियान की घोषणा की। यह महत्त्वपूर्ण जनगणना 2011 के बाद 16 वर्षों के अंतराल पर की जाएगी। अधिसूचना के अनुसार, यह जनगणना दो चरणों में होगी, जिसमें पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से बर्फबारी वाले क्षेत्रों जैसे लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में शुरू होगा। शेष देश के लिए जनगणना 1 मार्च 2027 से आरंभ होगी।
इस बार की जनगणना डिजिटल रूप में की जाएगी और इसमें 34 लाख गणनाकार और पर्यवेक्षक तथा 1.3 लाख डिजिटल उपकरणों से लैस अधिकारी भाग लेंगे। जनगणना दो चरणों में की जाएगी—
• पहला चरण: हाउस लिस्टिंग ऑपरेशन (HLO), जिसमें प्रत्येक घर की स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं का विवरण लिया जाएगा।
• दूसरा चरण: जनसंख्या गणना (Population Enumeration), जिसमें हर व्यक्ति के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और जनसांख्यिकीय विवरण एकत्र किए जाएंगे।

जनगणना में स्वयं-पंजीकरण (Self Enumeration) की सुविधा भी दी जाएगी। इसके लिए “सेल्फ एन्युमरेशन पोर्टल (SE Portal)” विकसित किया गया है। यह पोर्टल लोगों को अपने परिवार की जानकारी ऑनलाइन दर्ज करने की सुविधा देगा। उपयोगकर्ता अपने मोबाइल नंबर पर OTP के जरिए लॉगिन कर सकते हैं और परिवार के सदस्यों की जानकारी अपडेट या संशोधित कर सकते हैं। इस जातिगत जनगणना की घोषणा को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष के बीच पहले काफी मतभेद रहे। भाजपा ने विपक्ष पर जाति आधारित राजनीति करने का आरोप लगाया था, लेकिन इस वर्ष की शुरुआत में केंद्र सरकार ने सभी को चौंकाते हुए इस जनगणना की सहमति दे दी।