
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने के बाद अब यह मामला अदालत में निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है. 9 मई को राष्ट्रपति ने भारतीय दंड संहिता की धारा 197 (1) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत अभियोजन की अनुमति दी थी. इस मंजूरी के बाद अब जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) को कानूनी रूप से आरोपियों पर मुकदमा चलाने का अधिकार मिल गया है. ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को लेकर आज (शुक्रवार) को महत्वपूर्ण सुनवाई हो रही है.
गौरतलब है कि यह मामला रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने से जुड़ा है, जिसे ‘लैंड फॉर जॉब स्कैम’ के नाम से जाना जाता है. आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान कई लोगों को रेलवे में नौकरी देने के बदले उनसे उनकी जमीनें बेहद कम दामों में या मुफ्त में ली गईं.ED ने इस मामले में पिछले साल अगस्त में राजद प्रमुख लालू यादव, उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सीबीआई की एक FIR के आधार पर दर्ज किया गया था.
चार्जशीट में ED ने दावा किया है कि लालू यादव ने अपने परिवार और करीबी सहयोगियों के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश रची और भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्ति को वैध दिखाने की कोशिश की.आज की सुनवाई में यह देखा जाएगा कि विशेष अदालत ED के आरोपों को आगे बढ़ाने की अनुमति देती है या नहीं. अगर अदालत मामले की सुनवाई शुरू करती है, तो यह लालू परिवार के लिए कानूनी रूप से एक बड़ी चुनौती बन सकती है.