क्राइमयूपी

गाजियाबाद से हुआ क्राइम, देशभर में ठगे गए 25000 लोग

गाजियाबाद से एक ऐसे क्राइम का खुलासा हुआ है, जिसने देशभर में एक बड़े ठगी के गिरोह को सामने लाकर खड़ा किया है. यह ठगी वाहन बीमा के नाम पर की गई, जिसके शिकार 25,000 से ज्‍यादा लोग हुए हैं. बड़े गिरोह के दो मुख्य जालसाजों को रविवार को गाजियाबाद साइबर पुलिस द्वारा अरेस्‍ट किए जाने के बाद वारदात की परतें खुलीं. बड़ी बात ये है कि इस ठगी में अकेले गाजियाबाद के 128 लोग शिकार बने हैं और इसका वित्तीय प्रभाव 50 करोड़ रुपये से अधिक का है. साइबर पुलिस का अनुमान है कि पिछले दो सालों में एक लाख से ज्यादा लोग इस जालसाजी का शिकार हो सकते हैं.दरअसल, गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मेरठ निवासी सरताज (51) और गाजियाबाद कवि नगर के रहने वाले दीपक ठाकुर (38) के रूप में हुई है. सरताज बीकॉम और ठाकुर बीए डिग्री पाए हुए हैं और दोनों गाजियाबाद के आरटीओ कार्यालय में लाइसेंसधारी एजेंट के रूप में काम करते थे. इनके खिलाफ साइबर थाने में बीएनएस की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

अब जानते हैं इस क्राइम सिंडिकेट के बारे में… एडीसीपी (क्राइम एंड साइबर) पीयूष कुमार सिंह ने बताया कि यह गिरोह पुराने कमर्शियल वाहनों और लॉरियों के मालिकों को निशाना बनाता था. ये लोग ग्राहकों से भारी वाहनों का पूरा प्रीमियम वसूलते थे, जो 15,000 से 25,000 रुपये तक होता है, लेकिन पॉलिसी-जनरेशन एप्लिकेशन में हेरफेर कर केवल दोपहिया वाहनों की पॉलिसी जारी करते थे. इसकी लागत महज 1,500 रुपये के आसपास होती है. बाकी राशि यह गिरोह हड़प लेता था.

पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल फोन से 84 फर्जी थर्ड-पार्टी बीमा पॉलिसियां बरामद की हैं, जो आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस (ICICI Lombard General Insurance) सहित कई कंपनियों जैसे मैग्मा एचडीआई (Magma HDI), चोला एमएस (Chola MS), बजाज अलायंज (Bajaj Allianz), टाटा एआईजी (Tata AIG), नेशनल इंश्योरेंस (NationaL Insurance), श्रीराम जनरल इंश्योरेंस (Shriram General Insurance), एचडीएफसी एर्गो (hdfc ergo), रॉयल सुंदरम (Royal Sundaram) और एसबीआई जनरल इंश्योरेंस (SBI General Insurance) के नाम पर बनाई गई थीं. पुलिस इन कंपनियों से संपर्क कर मामले की गहराई से जांच कर रही है.

एडीसीपी ने खुलासा किया कि दोनों आरोपी दिल्ली की एक महिला प्रिया को जानकारी भेजते थे, जो दोपहिया वाहनों के लिए फर्जी बीमा दस्तावेज तैयार करती थी. इसके बाद ये दस्तावेज ग्राहकों को भेजे जाते थे. प्रिया और इस पूरे रैकेट के मास्टरमाइंड रोहित कुमार को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है. रोहित अभी फरार है.

यह मामला तब सामने आया जब 8 मार्च 2025 को आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के उपाध्यक्ष संजय ठाकुर ने गाजियाबाद में दो एजेंटों रोहित और विकास कश्यप के खिलाफ बीमा ऐप में हेरफेर की शिकायत दर्ज की. जांच में पता चला कि रोहित ने 12.31 लाख रुपये के प्रीमियम के साथ 858 फर्जी पॉलिसियां और विकास ने 18.50 लाख रुपये के प्रीमियम के साथ 128 पॉलिसियां जारी की थीं. इसके बाद 10 मार्च को चार अन्य लोगों रिछलपुरी (कोतवाली), विकास, आकाश सिसोदिया और मुरादाबाद के सिविल लाइंस निवासी याकूब व अरिम को गिरफ्तार किया गया था.

पता चला कि पुराने व्यावसायिक वाहनों और ट्रकों के मालिक अक्सर केवल थर्ड-पार्टी बीमा ही खरीदते हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य दुर्घटना के बाद कानूनी मुआवजा प्राप्त करना होता है. इस प्रक्रिया में ज्‍यादा वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं पड़ती, जिसका फायदा उठाकर यह गिरोह कम मूल्य की पॉलिसियां जारी करता था. वाहन मालिक अपने दस्तावेजों की धोखाधड़ी से अनजान रहते थे और ये पॉलिसियां ऑनलाइन वाहन कवरेज की जरूरत को पूरा करने के लिए इस्तेमाल की जाती थीं. पुलिस ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों के नाम भी जांच के दायरे में आए हैं और उनकी तलाश तेज कर दी गई है.

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