
बिहार की एनडीए सरकार ने दो आयोगों का पुनर्गठन किया और उनकी जिम्मेदारी जातीय महत्व रखने वाले नेताओं को सौंप दी. आज नीतीश सरकार ने दो महत्वपूर्ण आयोगों के अध्यक्ष और सदस्यों की घोषणा की और इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया. सवर्ण आयोग का नाम बदलकर उच्च जाति आयोग कर दिया गया है और इसकी अध्यक्षता पूर्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता महाचंद्र सिंह को सौंपी गई है.
राजीव रंजन, जो जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा, तीन सदस्यों में दयानंद राय, जय कृष्ण झा और राजकुमार सिंह को शामिल किया गया है. नीतीश सरकार ने दूसरे महत्वपूर्ण आयोग, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग, का भी गठन किया है, जिसमें शैलेंद्र कुमार को अध्यक्ष और सुरेंद्र उराव को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है
इस आयोग में प्रेमशीला गुप्ता, तल्लू बासकी और राज्य कुमार को सदस्य बनाया गया है. शैलेंद्र कुमार को तेज-तर्रार नेता माना जाता है, जबकि सुरेंद्र उराव की भी ST समाज में अच्छी पकड़ मानी जाती है. दोनों आयोगों के गठन के बाद, इन आयोगों के सदस्य उच्च जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के बारे में सरकार को विभिन्न जानकारियां देंगे, ताकि उनके विकास के लिए योजनाएं बनाने में मदद मिल सके. नीतीश कुमार ने जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के महासचिव और पूर्व सांसद गुलाम रसूल बलियावी को बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया है.
