40-50 लाख में डील, नेटवर्क में सबसे पहले मैं, फिर बनाया चेन, पटना के डॉक्टर … संजीव मुखिया ने खोल दिया पूरा चिट्ठा

कोचिंग संचालकों और डॉक्टर्स के साथ अपने नेक्सस का खुलासा पेपर लीक कांड के मास्टर माइंड संजीव मुखिया ने किया है. संजीव मुखिया ने EOU के सामने कई हैरान करने वाले खुलासे किए है. संजीव मुखिया ने बयाया कि उसका एक बहुत बड़ा नेटवर्क है. कुछ इंस्टीट्यूट के टीचर और डॉक्टर्स उसके पास क्लाइंट परीक्षार्थी भेजते हैं. ये क्लाइंट्स 40-50 लाख रुपये सेटिंग के एवज में देते हैं. संजीव मुखिया ने बताया कि इससे इंस्टीट्यूट को फायदा होता है क्योंकि उनके संस्थान के अभ्यर्थी मेडिकल परीक्षा क्रैक करते हैं और इंस्टीट्यूट का नाम रौशन होता है.
संजीव मुखिया ने बताया कि प्रिंटिंग प्रेस से जब पेपर निकलता है, तो तीन लॉक होते हैं, लेकिन परीक्षा केंद्र को केवल दो लॉक की जानकारी होती है. तीसरे लॉक की जानकारी संजीव मुखिया के पास होती है. दोनों लॉक को अनलॉक करने के बाद वे पेपर हासिल कर लेते हैं और तीसरे लॉक को फिर से लॉक करके पेपर को उसकी जगह भेज देते हैं, जिससे यह पता नहीं चलता कि पेपर पहले अनलॉक किया गया था या नहीं.
संजीव मुखिया और उनकी टीम ने इसी सिस्टम का उपयोग NEET, BPSC, UP सिपाही भर्ती और बिहार सिपाही भर्ती परीक्षाओं में किया था. संजीव मुखिया ने कहा कि उन्हें पैसे का लालच नहीं है, बल्कि उनकी पत्नी को MP या MLA बनाना है, जिसके लिए मोटी रकम की जरूरत होती है. इसीलिए उन्होंने इस लाइन को चुना. संजीव मुखिया ने कई नेता और अधिकारियों के बच्चों के साथ-साथ अपने इलाके के लोगों के बच्चों को मेडिकल परीक्षा पास करवाया ताकि उन्हें एहसानमंद बना सकें. उनकी पत्नी पिछले विधानसभा चुनाव में LJP से लड़ी थी, लेकिन महज साढ़े तीन हजार वोटों से हार गईं. उन्हें अफसोस है कि अगर उनकी पत्नी निर्दलीय चुनाव लड़ी होती तो वे जीत जातीं.
