बिहार के छपरा जिले में जमीन माफियाओं ने एक बड़ा कांड कर दिया है.

जमीन माफियाओं ने सारे सिस्टम को ठेंगा दिखाते हुए शहर के नक्शे से ही नाले की जमीन को गायब करवा दिया है. रजिस्ट्री कार्यालय में दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाने के मामले की जांच अभी चल ही रही थी कि छपरा शहर से एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है. इस बार भू-माफियाओं ने शहर के ऐतिहासिक खनुवा नाले के बड़े हिस्से को गायब कर दिया है.
सरकारी नक्शा में में नाला साफ-साफ देखा जा सकता है. लेकिन, भू माफियाओं ने अपने अनुसार जो नक्शा तैयार करवाया उसमे से खनुवा नाले के बड़े हिस्से को ही गायब कर दिया. दरअसल जमीन माफियाओं ने सुनियोजित साजिश के तहत पहले खनुवा नाले की जमीन पर अतिक्रमण किया गया, फिर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए और अब उसकी घेराबंदी भी शुरू कर दी गई. हालांकि प्रशासन को जैसे ही जानकारी मिली, तुरंत एक्शन में आकर विवादित जमीन पर धारा 144 लागू कर दिया गया है. प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि छपरा में आखिर हो क्या रहा है.
पिछले कुछ सालों में देखे तो छपरा में सरकारी जमीन का अतिक्रमण धड़ल्ले से हो रहा है. अधिकारी सिर्फ प्राथमिकी ही दर्ज कर रहे हैं. हालांकि, छपरा सदर के एसडीओ लक्ष्मण तिवारी का कहना है कि इस मामले में प्रशासन मुकम्मल कार्रवाई करेगा. लक्ष्मण तिवारी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि डाक बंगला रोड स्थित ब्रजकिशोर किंडर गली दाहियांवा के उत्तर दिशा में स्थित ऐतिहासिक सरकारी नाले पर भू-माफियाओं द्वारा मिट्टी भराई कर कब्जा किया जा रहा है. एसडीओ ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जांच के लिए सीओ और अन्य अधिकारियों की टीम को भेजा. जब टीम जांच कर अवैध कब्जा हटाने का आदेश देने लगी, तब कुछ लोगों ने सरकारी पदाधिकारियों और कर्मियों से अभद्र व्यवहार और लड़ाई-झगड़ा शुरू कर दिया. वे मारपीट पर भी उतारू हो गए, जिसके बाद अंचल अधिकारी ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई.
