
चीन, सिंगापुर, थाईलैंड के बाद
सिंगापुर, थाईलैंड के बाद कोरोना वायरस अब भारत में कोरोना दस्तक दे चुका है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 19 मई तक देश में 257 एक्टिव मामले हैं. सबसे अधिक 95 मामले केरल, 66 तमिलनाडु व महाराष्ट्र में 56 मामले हैं. शेष 40 मामले में अन्य आठ राज्यों में हैं. लेकिन बिहार में अबतक कोरोना जांच की शुरुआत नहीं हुई है. इसके लिए कोई गाइडलाइन भी नहीं जारी की गई है.
बिहार में स्वास्थ्य विभाग से अभी इस बाबत कोई दिशा-निर्देश अस्पतालों को जारी नहीं हुए हैं. पटना के सिविल सर्जन डा. अविनाश कुमार सिंह के अनुसार पटना व प्रदेश के अधिसंख्य लोगों में वैक्सीन या पूर्व संक्रमण के कारण कोरोना के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है. ऐसे में न तो घबराने की जरूरत है और न ही फिलहाल इसकी जांच कराने की. उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें स्वास्थ्य विभाग से इस बाबत कोई गाइडलाइन नहीं मिली है.
देश में कोरोना मरीज केरल, तमिलनाड़, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, राजस्थान व कर्नाटक जैसे राज्यों में मिले हैं. यहां से हर दिन बड़ी संख्या में यात्री पटना आते-जाते हैं. ऐसे में उनके साथ आया कोरोना वायरस घर या आसपास के कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए घातक हो सकता है.
कोरोना की दो लहरों में एनएमसीएच के नोडल पदाधिकारी रहे डा. अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि इस वैरियंट के लक्षण भी बुखार, खांसी, गले में खराश, सिरदर्द, थकान-मांसपेशियों में दर्द, भूख में कमी, दस्त, पाचन संबंधी समस्याएं हैं. इसके अलावा गंध-स्वाद जाना, नाक बंद, उल्टी, आंखों में जलन, गले में चुभन, नींद की समस्या हो सकती है.