
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह जन सुराज पार्टी में शामिल हो जायेगें. उनकी पार्टी आप सबकी आवाज (आसा) का जसुपा में विलय भी हो जाएगा.जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से अलग होने के बाद लगभग सात माह पहले आरसीपी ने आसा का गठन किया था. अब वे अपनी पार्टी का विलय करने जा रहे हैं.भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे आरसीपी को राजनीतिक पहचान नीतीश कुमार की बदौलत मिली, लेकिन समय के साथ मतभेद ऐसा बढ़ा कि उन्हें जदयू से बाहर होना पड़ा. आरसीपी सिंह पूर्व राज्यसभा सांसद तथा राज्यसभा में जनता दल (यूनाइटेड) के संसदीय दल के नेता थे.
दरअसल, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर रहते आरसीपी सिंह ने भी आरएसएस की तर्ज पर संगठन को मजबूत बनाने की कोशिश की थी.संगठन को मजबूत करने के लिए खूब पसीना बहाया था.2021 में उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए एक लाख 11 हजार 111 रुपया चंदा भी दिया था.बीजेपी के करीब आने की वजह नीतीश कुमार से मतभेद बढ़ा और आरसीपी बीजेपी में चले गए.लेकिन वहां जब अहमियत नहीं मिली तो उन्होंने अपनी नई पार्टी बना ली.
आरसीपी का जन सुराज में शामिल होना बड़ी राजनीतिक घटना मानी जा रही है.उन्हें जन सुराज में लाने में जन सुराज के प्रदेश उपाध्यक्ष वाई,वी. गिरी की अहम् भूमिका रही है.कई बैठकों के बाद वो आरसीपी सिंह को ये समझाने में कामयाब रहे कि अकेले चुनाव लड़ने से कुछ हाशिल नहीं होनेवाला.जन सुराज से जुड़कर वो बड़ा काम कर सकते हैं.आखिरकार आरसीपी सिंह तैयार हो गये.आज अपनी पार्टी के सैकड़ों सदस्यों के साथ वो प्रशांत किशोर की उपस्थिति में जन सुराज में शामिल हो जायेगें.
गौरतलब है कि आज ही प्रशांत किशोर नीतीश कुमार के गाँव कल्याण बीघा जानेवाले हैं.उनके शासन काल में उनके गावं का कितना विकास हुआ, उनके गाँव के लोगों को अपना काम कराने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है या नहीं, ये खुलासा करने प्रशांत किशोर कल्याण बीघा जा रहे हैं.सूत्रों के अनुसार आरसीपी आज जन सुराज में शामिल तो हो जायेगें लेकिन कल्याण बीघा नहीं जायेगें
