
बिहार पुलिस भर्ती का ‘जुड़वां घोटाला’ ! 40 साल बाद फूटा बम, दो रिटायर- एक नाम, अब EOU ने दर्ज किया केस
पुलिस विभाग में चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है। एक ही नाम और दस्तावेजों के सहारे दो लोगों ने दारोगा की नौकरी की और रिटायर भी हो गए। शिवहर एसपी की जांच में खुलासा हुआ कि राजेन्द्र सिंह ने अपने फुफेरे भाई विक्रमा सिंह के नाम पर पुलिस की नौकरी ली
यह बिहार में ही संभव है. यहां एक दारोगा नौकरी कर रहा था. दूसरी जगह उस दारोगा की परछाई नौकरी कर रहा था. जांच में खुलासा हुआ है, नाम एक…पिता का नाम एक, स्थाई पता एक, जन्मतिथि एक, उंचाई एक, छाती की चौड़ाई एक, सेवानिवृति की तिथि एक, पर दो आदमी दारोगा की नौकरी कर रहा था. दोनों ने नौकरी पूरी कर रिटायर भी हो गए. अब जाकर मामले का खुलासा हुआ है. इसके बाद आर्थिक अपराध इकाई ने उक्त दारोगा के खिलाफ केस दर्ज किया है
शिवहर एसपी की रिपोर्ट पर ईओयू ने दर्ज किया केस
शिवहर के पुलिस अधीक्षक ने 17 जून 2023 को वरीय पुलिस अधिक उपाधीक्षक (मुख्यालय) के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच टीम गठित की थी . एसपी ने शिवहर जिले से सेवानिवृत पुलिस अवर निरीक्षक(दारोगा) विक्रमा सिंह से संबंधित सत्यता एवं वैधानिकता की जांच के निर्देश दिए थे. जांच में पाया गया कि गया जिला एवं शिवहर जिला से सेवानिवृत हुए पुलिस अवर निरीक्षक विक्रमा सिंह की सेवा पुस्तिका को देखने पर नाम, पिता का नाम, स्थाई पता, जन्म तिथि, पैन कार्ड नंबर, ऊंचाई, छाती की चौड़ाई और सेवानिवृत्ति की तिथि एक पाई गई है. दोनों दरोगा जो 31 जनवरी 2023 को सेवानिवृत हुए हैं, उनका नाम विक्रमा सिंह ही था . पिता का नाम स्वर्गीय रामचेला सिंह, स्थाई पता मोहनिया भभुआ है. दोनों की जन्म तिथि 7 जनवरी 1963 है. दोनों का पैन कार्ड भी सामान था. ऊंचाई से लेकर छाती की चौड़ाई भी समान है.
राजेन्द्र सिंह ने फूफेरे भाई विक्रमा सिंह के नाम पर कर ली नौकरी, रिटायर होने के बाद केस दर्ज