
पटना एयरपोर्ट से अगवा पुणे के व्यवसायी लक्ष्मण साधु शिंदे (55) की हत्या हो गई है.शव सोमवार को हवाईअड्डा थाने की पुलिस ने जहानाबाद जिले से उनका शव बरामद किया है.जहानाबाद पुलिस को 12 अप्रैल को घोषी थाना क्षेत्र में झुमकी एवं मानपुर गांव के बीच सड़क किनारे उनका शव मिला था, लेकिन तत्काल पहचान नहीं हो सकी थी. शव का पोस्टमार्टम करा दिया गया था.
प्रारंभिक रिपोर्ट में गला दबा कर हत्या किए जाने की बात सामने आई थी. वहां की पुलिस शव को लावारिस मानकर अंतिम संस्कार करने की तैयारी में जुटी ही थी कि पटना पुलिस ने पहचान बताई. शव को बरामद कर स्वजन को सौंप दिया गया.हवाईअड्डा थाने में व्यवसायी के अपहरण की प्राथमिकी की गई थी.थानेदार के अनुसार पटना पुलिस अब अपहरण कर हत्या की दिशा में अनुसंधान करेगी. अभी हत्या का कारण स्पष्ट नहीं है. सभी बिंदुओं पर छानबीन की जा रही है.
लक्ष्मण साधु शिंदे मूलरूप से पुणे के कोर्थूड़ थानांतर्गत एकलव्य कालेज के करीब इंद्रायणी को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी डी/01 के रहने वाले थे.उनके साढ़ू विशाल लवाजी लोखंडे की लिखित शिकायत पर रविवार को हवाईअड्डा थाने में प्राथमिकी हुई थी.लोखंडे ने पुणे के कोर्थूड़ थाने में गुमशुदगी की शिकायत की थी. इसके बाद वे पुणे पुलिस के साथ पटना आए थे.
11 अप्रैल की शाम साढ़े सात बजे शिंदे इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6ई-653 से पुणे से पटना आए थे.इसके बाद उन्होंने पत्नी से बात की और बताया कि शिवराज सागी नामक व्यक्ति गाड़ी भेज रहे हैं. उसी वाहन से वे झारखंड में कोल इंडिया कंपनी के कार्यालय में जाएंगे.शिंदे की पत्नी रत्नाप्रभा ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 11 अप्रैल की रात साढ़े नौ बजे पति के नंबर पर कॉल की तो उनका मोबाइल बंद आ रहा था.एक घंटे बाद मोबाइल खुला और मिस कॉल अलर्ट का मैसेज पाकर उन्होंने दोबारा संपर्क किया. इस बार फोन किसी दूसरे व्यक्ति ने उठाया और बोला कि शिंदे साहब बाथरूम गए हैं.
इसके बाद उन्होंने कई बार संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन मोबाइल लगातार बंद आ रहा था. अगली सुबह उन्होंने इसकी जानकारी जीजा लोखंडे को दी तो उन्होंने पुणे के थाने में शिकायत की.सूत्रों की मानें तो पुलिस ने जब शिंदे और सागी दोनों के नंबरों की काल रिकार्ड खंगाली तो आखिरी लोकेशन नालंदा जिले के हिलसा की मिली थी.इसके बाद पटना पुलिस ने आसपास के जिलों की पुलिस को शिंदे की तस्वीर भेजी, फिर जहानाबाद पुलिस ने संपर्क साधा था
कॉल रिकॉर्ड में संदिग्ध नंबर मिले हैं,जो साइबर अपराधियों के बताए जा रहे हैं.
