
देश के दलित नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की प्रतिमा तोड़ दी गयी।असामाजिक तत्वों ने ईंट से कूच कर प्रतिमा की नाक को क्षतिग्रस्त कर दिया है।दलित नेता की प्रतिमा तोड़ने की यह घटना मोकामा टाल क्षेत्र के चाराडीह में हुई है,जहां राम विलास पासवान की प्रतिमा स्थापित की गयी थी।असामाजिक तत्वों की इस हरकत के बाद मोकामा से दिल्ली तक हड़कंप मच गया है।सूचना पाकर घोसवरी प्रखंड के अधिकारियों और पुलिस पदाधिकारियों ने चाराडीह पहुंच कर मामले की जांच की।इस घटना की प्राथमिक दर्ज की जा रही है।दलित कार्यकर्त्ता मिथिलेश पासवान की लिखित तहरीर पर पुलिस असामाजिक तत्वों के खिलाफ मामला दर्ज कर तफ्तीश कर रही है।दलित नेता की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने पर इलाके में रोष है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं : राज्य की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित कई नेताओं ने इस घटना की निंदा की है। उन्होंने इस घटना को सांप्रदायिक सौहार्द और सामाजिक समरसता के खिलाफ एक कदम बताते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।
वहीं, बिहार प्रदेश भाजपा ने भी इस घटना को चौंकाने वाला और अस्वीकार्य बताया है, और कहा है कि ऐसे कृत्य के पीछे राजनीतिक साजिश हो सकती है। भाजपा ने इस मामले में पुलिस और प्रशासन से पूरी जांच कर दोषियों को पकड़ने की मांग की है।
समाज और राजनीति पर असर : राम विलास पासवान की प्रतिमा का तोड़ा जाना बिहार की राजनीति और समाज पर गहरा असर डाल सकता है। पासवान, जो एक प्रमुख दलित नेता थे और केन्द्रीय मंत्री रह चुके थे, का कार्यकाल समाज के कमजोर वर्गों के लिए महत्वपूर्ण था। इस घटना ने उनके समर्थकों और बिहार में दलित राजनीति के माहौल को हिला दिया है।
वहीं, पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले की जल्द से जल्द गंभीरता से जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय प्रशासन ने भी इस बात की पुष्टि की है कि इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जाएगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
पुलिस ने बयान जारी कर कहा है कि वे सभी सीसीटीवी फुटेज और गवाहों से जानकारी जुटा रहे हैं ताकि असामाजिक तत्वों की पहचान हो सके। इसके साथ ही, प्रशासन ने स्थानीय समुदाय से अपील की है कि वे इस घटना के खिलाफ शांति बनाए रखें और जांच प्रक्रिया में सहयोग करें।
इस घटना के बाद, इस मुद्दे पर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में बहस तेज हो गई है। आगामी दिनों में इस मामले पर और भी कई प्रतिक्रिया और रुख सामने आने की संभावना है। बिहार सरकार के लिए यह एक बड़ा परीक्षण होगा कि वे इस गंभीर घटना पर किस प्रकार से प्रतिक्रिया देते हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हैं या नहीं।