
मनोज वाजपेयी अपने गाँव पहुंचे जहाँ ग्रामीणों ने से मिलकर बातचीत की। गंगा नदी के कटाव से परेशान ग्रामीणों से मिलकर वे भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ नदी का कटाव नहीं ग्रामीणों के सुनहरे भविष्य पर कुठाराघात है। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो गांव और किसान दोनों ही नक्शे से गायब हो जाएंगे।
ग्रामीणों से गांगुली नदी के कटाव की विनाशलीला सुनकर वे भावुक हो गए। नदी के तट पर पहुंचे, जहां हर साल बरसात में किसानों की जमीन और ग्रामीणों के सपने का मर्दन गांगुली नदी करती है।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ नदी का कटाव नहीं, ग्रामीणों के सुनहरे भविष्य पर वज्रपात है। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो गांव और किसान दोनों ही नक्शे से गायब हो जाएंगे।