
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तेज़ रफ्तार में आ रहे ट्रैक्टर ने राकेश को कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने ट्रैक्टर पर सवार दो युवकों को पकड़कर एक कमरे में बंधक बना दिया।
घटना की सूचना मिलने के चार घंटे बाद जब शिकारपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीणों ने विरोध करते हुए ट्रैक्टर को जब्त करने और शव को उठाने से रोक दिया।
बाद में थानाध्यक्ष अवनीश कुमार मौके पर पहुंचे और समझा-बुझाकर दोनो बंधकों को कमरे से निकालकर थाने भेजा। हालांकि इससे पहले गुस्साए लोगों ने पुलिस को घेरकर दोबारा उन युवकों को अपने कब्जे में ले लिया था। पूछताछ में दोनों ने खुद को ट्रैक्टर का खलासी बताया है और यह भी बताया कि हादसे के तुरंत बाद चालक फरार हो गया।
ग्रामीणों ने प्रशासन और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद पुलिस चार घंटे देरी से पहुंची। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए जीएमसीएच बेतिया भेज दिया गया है और पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।
